Underground Water Week: बारिश की बूंदें सहेजने के लिए कानपुर नगर निगम ने शुरू मुहिम, जानिए- क्या होंगे काम

कानपुर शहर में नगर निगम तालाबों का जीर्णोद्धार कर पिकनिक स्पाट के रूप में विकसित कर रहा है । इसके साथ ही सरकारी भवनों में भी रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम का परीक्षण शुरू कराया जा रहा है ।

By Abhishek AgnihotriEdited By: Publish:Fri, 16 Jul 2021 11:55 AM (IST) Updated:Fri, 16 Jul 2021 11:55 AM (IST)
Underground Water Week: बारिश की बूंदें सहेजने के लिए कानपुर नगर निगम ने शुरू मुहिम, जानिए- क्या होंगे काम
रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम को लेकर नगर निगम ने पहल की है।

कानपुर, जेएनएन। बारिश की बूंदें सहेजने और तालाबों को बचाने के लिए नगर निगम ने मुहिम शुरू की है। कई ऐतिहासिक तालाबों को कब्जा मुक्त करने के साथ ही जीर्णोद्धार कर पिकनिक स्पाट के रूप में विकसित किया जा रहा है। वहीं शासन की फटकार के बाद सरकारी भवनों में रेन वाटर हार्वेङ्क्षस्टग सिस्टम का परीक्षण किया जा रहा है। तीन सौ वर्ग मीटर में बनी इमारतों में भी सिस्टम चेक हो रहा है।

16 जुलाई से 22 जुलाई तक भूगर्भ जल सप्ताह मनाया जा रहा है। भूगर्भ जल को बचाने के लिए दैनिक जागरण अप्रैल से लगातार सहेज लो हर बूंद अभियान चला रहा है। इसका असर भी दिखने लगा है। पहले चरण में सीएसए और एचबीटीयू में स्थित तालाबों समेत शहर के 12 तालाबों को कब्जेदारों से मुक्त कराने के साथ ही उनको बारिश के पानी से जोड़ा जा रहा है। 1.40 करोड़ रुपये से तालाबों को साफ कराके पिकनिक स्पाट बनाया जा रहा है ताकि फिर से कब्जा न हो। ऐतिहासिक मामा तालाब को भी बचाने की मुहिम शुरू हो गई है। नगर निगम का अमला एक माह से तालाब में फैली गंदगी को निकालने में जुटा है।

सरकारी भवनों में रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम लगाने के आदेश शासन ने दिए हैं। इसके बाद से केडीए का पूरा प्रवर्तन दस्ता सरकारी भवनों में रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम जांचने में लगा है। एक हफ्ते में पूरा डाटा शासन को भेजना है। शहर के बचे सभी तालाबों को सुरक्षित कर बारिश के पानी से जोड़ दिया जाए तो शहर में भूगर्भ जलस्तर बेहतर हो जाएगा। वहीं जवाहर लाल नेहरू नेशनल अरबन रिन्यूवल मिशन योजना की 865 करोड़ की पेयजल योजना चालू हो जाए तो 40 लाख जनता को गंगा जल मिलने लगेगा और भूगर्भ जल का दोहन खत्म हो जाएगा।

ऐसे हो रहा है भूगर्भ जल का दोहन

सरकारी नलकूप- 165

दोहन होता- 10 करोड़ लीटर

शहर में लगे सबमर्सिबल पंप- 2.5 लाख

रोज दोहन होता- 50 करोड़ लीटर

हैंडपंप लगे- 15 हजार

जल दोहन- पांच करोड़ लीटर

भूगर्भ जलस्तर गिरने से हैंडपंप बंद- पांच हजार

दस साल में शहर का गिरा जलस्तर

दस साल पहले हैंडपंप लगते थे- 100 फीट पर

पांच साल पहले - 150 फीट

अब लगते - 250 फीट

chat bot
आपका साथी