कानपुर में मवेशी पकड़ने पहुंचने नगर निगम दस्ते के चालक को अगवाकर पीटा, पुलिस को देखकर भाग निकले आरोपित
मंगलवार को केशवनगर के अासपास बेसहारा जानवर पकड़ने गया था।दस्ते के वाहन चालक अरुण कुमार सिंह ने बताया कि लगभग तीन बजे जानवर पकड़कर जा रहे थे कि शिवाजी इंटर कॉलेज केशवनगर के पास लगभग 30 अज्ञात लोगों ने वाहन रोक लिया और मारपीट करने लगे।
कानपुर, जेएनएन। नगर निगम के कैटल कैचिंग दस्ते पर मंगलवार को अज्ञात लोगों ने हमला कर दिया। दस्ते के चालक और कर्मचारियों के साथ जमकर मारपीट की। कार और स्कूटी से आए लोगों ने चालक को स्कूटी से अगवाकर के बगल की गली में ले जाकर जमकर पीटा। साथ ही दस्ते के वाहन से बंद जानवरों को छुड़ा भी लिया। इसी बीच हमले की जानकारी 112 नबंर पर पुलिस को दी। मौके पर तुरंत पुलिस पहुंच गयी। पुलिस को देखकर चालक और कर्मचारियों ने चिल्लाना शुरू कर दिया। इसी दौरान हमलावरों ने चालक को छोड़ दिया और कार व स्कूटी भी मौके पर छोड़ गए। पुलिस ने दोनों वाहन जब्त कर के चौकी में खड़े करा दिए। साथियों की पिटाई की जानकारी मिलते ही कर्मचारी उस्मानपुर चौकी पहुंच गए और चौकी को घेर लिया। साफ कहा कि जब तक गिरफ्तार नहीं होगी तब तक कोई काम नहीं होगा।
ये है पूरी घटना: दस्ता मंगलवार को केशवनगर के आसपास बेसहारा जानवर पकड़ने गया था। दस्ते के वाहन चालक अरुण कुमार सिंह ने बताया कि लगभग तीन बजे जानवर पकड़कर जा रहे थे कि शिवाजी इंटर कॉलेज केशवनगर के पास लगभग 30 अज्ञात लोगों ने वाहन रोक लिया। उसके साथ और कर्मचारी विकास सोनवानी, अभी यादव, रितिक और विकास झा के साथ मारपीट करने लगे। इसी बीच उसको पकड़कर स्कूटी से अगवा कर स्थल से थोड़ी दूर ले जाकर जमकर मारा। इसके कारण उसकी आंख, गर्दन और पेट में चोटें आई है। वाहन में बंद 11 पशुओं को भी छुड़ा लिया। इसी बीच कुछ लोगों ने पुलिस के सहायत नंबर 112 पर मोबाइल कर दिया। जानकारी मिलते ही तुरन्त पुलिस मौके पर पहुंच गयी। पुलिस देखकर वह औरर साथी चिल्लाना शुरू कर दिया।पुलिस और बढ़ती भीड़ को देखकर हमलावर भाग गए। मौके पर स्कूटी नंबर यूपी 78 एफडब्ल्यू 0061 और कार यूपी 78 जीएच 3720 छोड़कर चले गए। पुलिस ने दोनों वाहनों को जब्त करके उस्मानपुर चौकी में खड़ा करा दिया।
इनका ये है कहना: कर्मचारी नेता विनोद कुमार ने बताया कि साथियों पर हमले की जानकारी मिलने पर उस्मानपुर चौकी में पहुंच गए।उन्होंने् कहा कि रिपोर्ट दर्ज हो और गिरफ्तारी की जाए। रोज कर्मचारियों पर हमला हो रहा है। अगर सुरक्षा नहीं दी गयी और हमलावरों को गिरफ्तार नहीं किया गया तब तक आंदोलन जारी रहेगा।