Kanpur Naaptol Ke Column: अध्यक्ष जी की समस्या का नहीं निकला हल, धरी रह गई विरोध की रणनीति
Kanpur Naaptol Ke Column कानपुर शहर की व्यापारिक संगठनों की गतिविधियों को लेकर आया है नापतोल के कालम। पिछले दिनों प्रदेश के बड़े व्यापारी नेता ने भाषण शुरू किया और अपना खूब बखान करते रहे। एक कारोबारी भट्ठियां हटाने के आदेश से परेशान थे।
कानपुर, जागरण संवाददाता। Kanpur Naaptol Ke Column कानपुर शहर में व्यापारिक संगठनों के नेताओं की हचलच चुनाव आते ही तेज हो चली है। व्यापारी नेताओं के बीच भी रस्साकसी शुरू हो गई है। व्यापारियों के बीच होने वाली चर्चाओं को चुटीले अंदाज में फिर लेकर आया है नापतोल के कालम...।
एक व्यापार संगठन के अध्यक्ष घर और कारोबार स्थल के आसपास बेसहारा पशुओं से परेशान हैं। नेताजी को लगा कि उनका फोन लगेगा और नगर निगम अधिकारी उनकी समस्या को तुरंत दूर कर देंगे। इसीलिए उन्होंने फोन करना शुरू किया। एक के बाद एक फोन होता रहा, लेकिन अफसर का फोन नहीं उठा। लगातार फोन करके परेशान अध्यक्ष ने वाणिज्य कर विभाग के अधिकारी को फोन खडख़ड़ा दिया कि उनकी इस समस्या का समाधान किया जाए। आश्वासन भी मिला, लेकिन हुआ कुछ नहीं। नाराज अध्यक्ष जी ने व्यापार बंधु की बैठक में इस मुद्दे पर विरोध की रणनीति तैयार की और कई व्यापारियों को फोन कर योजना भी बता दी। व्यापारियों ने भी हामी भर दी। बैठक का दिन भी आया, लेकिन सारे विरोध की रणनीति तब धरी रह गई जब अधिकारियों ने व्यापार बंधु की बैठक को ही स्थगित कर दिया। अध्यक्ष जी की समस्या अब तक बरकरार है।
सभा में चेहरा दिखाने पहुंचे टिकट के दावेदार: आर्यनगर विधानसभा सीट ऐसी है जहां से व्यापार मंडलों से जुड़े बहुत से नेता टिकट के प्रयास में लगे हुए हैं। खुद को व्यापारी नेता बताकर परिचय देने वाले सभी दावेदार पिछले दिनों हुए सम्मेलन में पहुंचे। दक्षिण के मैदान में चल रहे सम्मेलन में ये नेता यूं तो अपेक्षित नहीं थे लेकिन कहीं माइनस मार्किंग न हो जाए, इसलिए सभी मैदान में पहुंच गए। खुद तो गए ही, अपने साथ समर्थकों को दिखाने के लिए व्यापारियों को भी ले गए। मामला सिर्फ इतने पर ही नहीं रुका। एक व्यापारी नेता ने अपनी होर्डिंग तक लगा दी। अब प्रतिद्वंद्वी की होर्डिंग दिखी तो बाकी के दिलों पर भी छुरी चल गई कि काश उन्होंने भी होर्डिंग लगवा दी होती। इस दौड़ में कुछ दावेदार एक ही व्यापार मंडल के हैं तो कुछ अन्य व्यापार मंडल से। अब व्यापारी अगली सभा के इंतजार में हैं ताकि वे भी अपनी होर्डिंग लगाकर स्वागत कर सकें।
संडे के पास का जुगाड़ : मैच का बुखार शहर पर चढ़ा हुआ है, लेकिन टिकट की बिक्री बहुत कम है। इसके बाद भी पास के जुगाड़ में व्यापारी परेशान हैं। मैच भी देख लें, बच्चों का मनोरंजन भी हो जाए लेकिन जेब से कुछ खर्च न हो, इसके लिए व्यापारी अपने व्यापार मंडल के नेताओं के स्तर पर प्रयास में जुटे हैं। पुलिस और प्रशासन के वाट््सएप ग्रुप में शामिल व्यापारी नेता ग्रुप के नेताओं को उकसा रहे हैं कि वे अफसरों से पास मांगें ताकि वे मैच देख सकें। नेता भी परेशान हैं कि आखिर किस-किस की मांग पूरा करें क्योंकि व्यापारी नेताओं की मांग है कि उन्हें रविवार के दिन का पास दिया जाए। कारण भी साफ है कि साप्ताहिक अवकाश में काम का भी हर्जा न हो। अब इस तरह की मांग से परेशान होकर व्यापारी नेताओं ने फिलहाल पास मांगने वालों के फोन ही उठाने बंद कर दिए हैं।
शादियों ने लटका दिया संगठन विस्तार : दीपावली के बाद व्यापार मंडलों का विस्तार करने की तैयारी में जुटे व्यापार मंडलों की योजना पर फिलहाल सहालग का ताला लग गया है। शहर में व्यापार मंडलों की खींचतान तो किसी से छिपी नहीं है। नवरात्र से पहले व्यापार मंडलों में जब तोडफ़ोड़ तेजी पर थी तो काफी तेजी से व्यापारी एक व्यापार मंडल से दूसरे में जा रहे थे। कई नए व्यापार मंडल भी गठित हो गए। इसके बाद संगठन को विस्तार करने की तैयारियां भी शुरू हो गईं और सूचियां भी बन गईं लेकिन कारोबार बढ़ा तो विस्तार अटक गया। तय हुआ कि दीपावली के बाद विस्तार किया जाएगा। जो लोग दूसरे संगठनों से बड़े पदों पर आने को तैयार थे, वे भी शांत होकर बैठ गए कि कोई बड़ा कार्यक्रम हो तो जाएं। दीपावली के बाद कारोबारियों का ध्यान सहालग में लग गया। और अब सारी सूचियां फिर से बैग में बंद हैं।