Kanpur Naaptol Column: खाकी ने किया खादी को बाहर.., अब बदलते दिख रहे हैं पाले

कानपुर में व्यापारी राजनीतिक गतिविधियों को लेकर आता है नापतोल के कॉलम। व्यापार मंडल की राजनीति में पिछले दिनों ऐसा हुआ कि कार्यक्रम से मुख्य मेहमान ही गायब हो गए। व्यापारियों से जुड़े एक विभाग में जल्द ही अधिकारियों में बदलाव की तैयारी है।

By Abhishek AgnihotriEdited By: Publish:Thu, 15 Jul 2021 10:54 AM (IST) Updated:Thu, 15 Jul 2021 10:54 AM (IST)
Kanpur Naaptol Column: खाकी ने किया खादी को बाहर.., अब बदलते दिख रहे हैं पाले
कानपुर की व्यापारिक हलचल है नापतोल के काॅलम।

कानपुर, राजीव सक्सेना। कानपुर शहर में व्यापारिक गतिविधियों और राजनीतिक हलचल बनी रहती है, जिसकी ऐसी चर्चाएं जो सुर्खियां नहीं बन पाती हैं उन्हें नापतोल के कॉलम लेकर आता है। तो आइए देखते हुए बीते सप्ताह व्यापारिक गलियारे में क्या चर्चाएं बनी रहीं।

जिनका कार्यक्रम वे ही गायब

व्यापार मंडल की राजनीति में पिछले दिनों एक ऐसा कार्यक्रम हुआ, जिसमें वे ही गायब थे, जिनके लिए कार्यक्रम आयोजित हुआ। आयोजक की मिट्टी पलीद होनी थी और हुई भी। कलक्टरगंज क्षेत्र में एक विशिष्ट कारण से इस कार्यक्रम का आयोजन किया गया था और जिन्होंने इस विशिष्ट कारण को पैदा किया था, उनका सम्मान भी होना था। जिस परिवार से जुड़ा कार्यक्रम था, उन्हें भी मंच पर रहना था। मंच पर सभी थे, जिनका सम्मान होना था, वह भी और आयोजक भी, लेकिन नहीं थे तो उस परिवार के लोग, जिनके नाम पर कार्यक्रम हुआ। नेताजी के सामने भी संकट था। जिस विधानसभा क्षेत्र से वह टिकट मांग रहे हैं, उसी क्षेत्र के विधायक का सम्मान कैसे कर दें। उनके विरोधी उनकी दावेदारी पर सवाल उठा देते। कार्यक्रम खत्म भी हो गया और वे नहीं आए। नाराज आयोजक ने अंत में अपनों के बीच जमकर मन की भड़ास निकाली।

फाड़े जा रहे दराज के कागजात

व्यापारियों से जुड़े एक विभाग में जल्द ही अधिकारियों को ताश के पत्तों की तरह फेंटे जाने की तैयारी है। मुख्यालय से संकेत मिल चुके हैं। जिनका दूसरे जिलों में तबादला हो सकता है, उन्होंने अपनी पसंद के स्थानों के लिए जुगाड़ फिट कर लिए हैं। कुछ ऐसे हैं, जिनका मन अभी जाने का नहीं है, इसलिए उन्होंने भी नाम सूची में ही न आए, इसके लिए गोटियां फिट की हैं। हालांकि, खुद ये अधिकारी मान रहे हैं कि ऐसा होना बहुत मुश्किल है, लेकिन प्रयास करने में क्या जाता है। फिलहाल इन सबके बीच एक बात खास है कि आजकल सभी अपनी दराज दिनभर खंगालते नजर आ रहे हैं। एक-एक कागज चेक किया जा रहा है। उन्हें चेक कर फाड़ा भी जा रहा है। सभी को आशंका है कि कहीं चार्ज देने में कोई ऐसा कागज भी दूसरे के हाथ में न चला जाए तो उसे नहीं मिलना चाहिए।

बदलते दिख रहे हैं पाले

व्यापारिक राजनीति में आजकल संक्रमण का दौर चल रहा है। जिन्हें कानपुर से प्यार है, वे आजकल लखनऊ में अपने को ताकतवर करने के प्रयास में लगे हुए हैं। वहीं, जिन्हें लखनऊ से प्यार है, वे इनदिनों कानपुर में खुद को मजबूत करने के प्रयास में जुटे हुए हैं। एक संगठन इधर कानपुर में कार्यक्रम करने के बाद लखनऊ में उसका प्रचार-प्रसार कर रहा है। वहीं, दूसरा संगठन इस समय तोडफ़ोड़ की राजनीति में कानपुर में संपर्क बढ़ा रहा है। कुछ नेताओं ने अपनी निष्ठा बदलनी भी शुरू कर दी है। अब वे प्रमुख मामलों में अपने नेता की जगह दूसरे संगठन के नेता से संपर्क कर उनसे जानकारी हासिल करने लगे हैं। इनकी संख्या भी बढ़ती जा रही है। व्यापारी नेताओं के मुताबिक, पाला बदलने को ये नेता पूरी तरह तैयार भी हो चुके हैं, अब बस किसी सही मौके की तलाश है, जिससे वे अपनी घोषणा कर सकें।

खाकी ने किया खादी को बाहर

पुलिस और व्यापारी ग्रुप में काफी दिनों से विवाद चल रहा था। खींचतान और कमेंट से नाराज होकर एक व्यापारी नेता ने पिछले दिनों ग्रुप छोड़ दिया, हालांकि उन्हें किसी तरह दोबारा शामिल कर लिया गया, लेकिन ग्रुप में व्यापारियों के बीच बढ़ रही खींचतान को देख पुलिस अधिकारी भी परेशान हो चुके थे। ग्रुप में व्यापारियों की तरफ से सिर्फ एक एडमिन थे। कई और व्यापारी भी खुद को एडमिन बनाने की मांग कर रहे थे। दूसरी ओर यह भी आरोप लग रहे थे कि व्यापारियों के एकमात्र एडमिन अपनी पसंद के व्यापारियों को ही इसमें ज्यादा से ज्यादा शामिल कर रहे हैं। इनकी खींचतान और आरोप को देखते हुए एक दिन अचानक ग्रुप से एकमात्र व्यापारी नेता को एडमिन पद से हटा दिया गया। अब एडमिन सिर्फ पुलिस के अधिकारी हैं। खाकी ने एक ही झटके में सारी खींचतान खत्म कर दी है। ग्रुप में फिलहाल शांति है।

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