कानपुर: चार माह पहले पनऊपुरवा गांव में दोनों पक्षों के बीच हुई थी मारपीट, पढ़ें चौबपुर हत्याकांड की इनसाइड स्टोरी

अमित की पत्नी अनुराधा ने बताया कि सोमवार रात करीब 10 बजे श्रीकृष्ण उनके पुत्र राजन त्रिवेदी शोभित व गोविंद भतीजे लउआ व अन्य परिवार वालों ने मुकदमे में समझौते का दबाव बनाने को लेकर झगड़ा शुरू किया। पहले पथराव किया फिर धारदार हथियारों से हमला कर दिया।

By Shaswat GuptaEdited By: Publish:Wed, 27 Oct 2021 05:16 PM (IST) Updated:Wed, 27 Oct 2021 05:16 PM (IST)
कानपुर: चार माह पहले पनऊपुरवा गांव में दोनों पक्षों के बीच हुई थी मारपीट, पढ़ें चौबपुर हत्याकांड की इनसाइड स्टोरी
घटना के बाद पनऊपुरवा गांव में तैनात पुलिस व पीएसी के जवान।

कानपुर, जेएनएन। चौबेपुर क्षेत्र के पनऊपुरवा गांव में चार माह पहले भी श्रीकृष्ण त्रिवेदी व आनंद कुरील के लोगों के बीच मारपीट हुई थी। दोनों पक्षों की ओर से मुकदमा दर्ज कराया गया था। अक्सर विवादों के चलते आनंद के दोनों बेटे अमित और रविशंकर कल्याणपुर में किराए का मकान लेकर रहने लगे। अमित की पत्नी अनुराधा ने बताया कि सोमवार रात करीब 10 बजे श्रीकृष्ण, उनके पुत्र राजन त्रिवेदी, शोभित व गोविंद, भतीजे लउआ व अन्य परिवार वालों ने मुकदमे में समझौते का दबाव बनाने को लेकर झगड़ा शुरू किया। पहले पथराव किया, फिर धारदार हथियारों से हमला कर दिया। ससुर आनंद जान बचाकर छत पर भागे तो सिर पर चापड़ से प्रहार कर दिया। हमले में सास आशा देवी, देवरानी संदीपा, चचिया ससुर जयनाथ घायल हो गए। 11 बजे पहुंची पुलिस आधे घंटे तक मारपीट-पथराव देखती रही। करीब 11.30 बजे उसे आनंद को अस्पताल ले जाने की होश आई, मगर उपचार मिलने से पहले उनकी मौत हो गई। आरोप है कि बीच बचाव कर रहे पड़ोसी सहेंद्र कुमार, सचिन और ज्ञानेंद्र को दारोगा गोपीकृष्ण और सिपाही पीटते हुए जीप में डालकर ले गए। स्थानीय विधायक भगवती प्रसाद सागर भी गांव पहुंचे। उन्होंने आरोप लगाया कि घटना की वजह पुलिस है।आरोपित पक्ष को पुलिस का संरक्षण था। 

इनका ये है कहना : 

मुकदमा दर्ज कराने के निर्देश दिए गए हैं। प्रथमदृष्टया बीट दारोगा गोपीकृष्ण और रोशन शेर बहादुर के साथ सिपाही शिवरतन व आशीष कुमार को दोषी मानते हुए लाइन हाजिर कर दिया हैं। पूरे प्रकरण की सीओ से जांच कराई जाएगी।   - अष्टभुजा प्रसाद सिंह,एसपी आउटर

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