कानपुर में दो गुटों में विभाजित हुए व्यापारी, बंदी के बाद अब दुकानें खोलने की कर रहे पुरजोर मांग

कोरोना संक्रमण के समय अलग-अलग बाजारों के व्यापार मंडलों ने पहले तो मुख्यमंत्री को पत्र भेजकर लॉकडाउन की मांग की थी लेकिन जब लॉकडाउन की घोषणा नहीं की गई तो एक-एक कर आधा दर्जन से ज्यादा बाजारों ने खुद ही घोषणा कर बंदी कर दी थी।

By Shaswat GuptaEdited By: Publish:Fri, 14 May 2021 03:35 PM (IST) Updated:Fri, 14 May 2021 05:40 PM (IST)
कानपुर में दो गुटों में विभाजित हुए व्यापारी, बंदी के बाद अब दुकानें खोलने की कर रहे पुरजोर मांग
कानपुर के बाजार की खबर से संबंधित प्रतीकात्मक तस्वीर।

कानपुर, जेएनएन। कुछ दिन पहले तक व्यापार मंडलों में बाजारों को बंद कराने की होड़ मची हुई थी, वहीं अब जल्दी से जल्दी दुकान कैसे खुल जाए, इसके लिए अफसरों को पत्र लिखे जा रहे हैं। दुकान बंद रखने और खुले रहने को लेकर भी व्यापारियों में दो गुट बन गए हैं। इसके साथ ही आरोप प्रत्यारोप का दौरा भी शुरू हो गया है। 

पिछले माह कोरोना संक्रमण के मामले जिस समय बहुत तेजी से बढ़ रहे थे, उस समय अलग-अलग बाजारों के व्यापार मंडलों ने पहले तो मुख्यमंत्री को पत्र भेजकर लॉकडाउन की मांग की थी लेकिन जब लॉकडाउन की घोषणा नहीं की गई तो एक-एक कर आधा दर्जन से ज्यादा बाजारों ने खुद ही घोषणा कर बंदी कर दी थी। इसमें कपड़ा, सराफा, किराना, लोहा, मशीनरी, गल्ला आदि तमाम कारोबार से जुड़े व्यापारी शामिल थे। कर्फ्यू लागू होने तक इन बाजारों ने अपनी बंदी कर रखी थी लेकिन कर्फ्यू लगने के कुछ दिन बाद ही किराना और गल्ला कारोबारियों ने दुकानें खुलवाने का आग्रह किया। वहीं गल्ला मंडी भी खुल गई। इनकी दुकानें खुलीं तो मशीनरी वालों ने भी अपनी दुकानें खोलने की मांग कर दी। इसके लिए बैठक भी हो गई। अब एक-एक कर लोग दुकानें बंद नहीं खोलने की मांग कर रहे हैं। कपड़ा वाले, हार्डवेयर वाले भी इसमें पीछे नहीं हैं।

पहले जिस तरह लोग बंदी के पीछे भाग रहे थे, अब वे दुकान खुलने में पूरी ताकत लगाए हुए हैं। इसको लेकर दुकान बंद रखने के समर्थकों ने दुकान खुलवाने के लिए परेशान व्यापारियों पर कटाक्ष भी शुरू कर दिए हैं। यह स्थिति शहर के दोनों बड़े ग्रुप में हैं। जहां श्याम बिहारी मिश्रा के गुट के व्यापारी जिले के महामंत्री के खिलाफ हो गए थे, वहीं अब बंसल गुट के व्यापारी जिला इकाई के पदाधिकारियों के निर्णय पर नाराजगी जता रहे हैं।

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