कानपुर : मदरसा छात्रों के लिए खुशखबरी, घटती संख्या को देख मिली हास्टल में रहकर पढाई करने की अनुमति
अल जामियतुल रजविया मनाजिरुल उलूम के प्रबंधक कलीम अनवर बताते हैं कि मदरसों में काफी संख्या में दूसरे शहरों और प्रदेशों से आकर छात्र पढ़ाई करते हैं। कोरोना संक्रमण के दौरान वे घर चले गए थे। अनुमति मिलने के बाद उनको सूचना भेजी जा रही है।
कानपुर, जेएनएन। स्कूलों के साथ मदरसे भी खुल गए हैं, लेकिन वहां अभी छात्रों की संख्या काफी कम है। अब हास्टल में रहकर मदरसा छात्रों को पढ़ाई की अनुमति मिल गई है। इसके बाद दूसरे शहरों व प्रदेशों से आकर पढ़ने वाले छात्रों की संख्या में वृद्धि की उम्मीद जताई जा रही है। कोरोना संक्रमण की वजह से मदरसों में हास्टल बंद थे। मदरसा प्रबंधकों का कहना है कि 40 फीसद छात्र मदरसों में आना शुरू हो गए हैं। कोरोना संक्रमण की वह से लाकडाउन व कोरोना कर्फ्यू के चलते मदरसे बंद थे। इसी कारणवश पिछले वर्ष से मदरसों में पढ़ाई नहीं हो रही थी।
मदरसा शिक्षा परिषद के शहर में 24 अनुदानित मदरसे हैं। इसके अतिरिक्त मान्यता प्राप्त 250 मदरसे हैं। कक्षा आठवीं से 12वीं तक के मदरसे पहले ही खुल चुके हैैं। अब कक्षा पांच तक के बच्चों की पढ़ाई शुरू हो गई है। अल जामियतुल रजविया मनाजिरुल उलूम के प्रबंधक कलीम अनवर बताते हैं कि मदरसों में काफी संख्या में दूसरे शहरों और प्रदेशों से आकर छात्र पढ़ाई करते हैं। कोरोना संक्रमण के दौरान वे घर चले गए थे। मदरसों के हास्टल में छात्रों को रहने की अनुमति मिलने के बाद उनको सूचना भेजी जा रही है। टीचर्स एसोसिएशन मदारिस अरबिया के प्रवक्ता कारी सगीर आलम हबीबी बताते हैं कोरोना प्रोटोकाल के ध्यान रखकर मदरसों में पढ़ाई शुरू की गई है। मदरसों स्थानीय छात्रों के साथ ही दूसरे शहरों व प्रदेशों के छात्र भी पढ़ाई करते है। इनमें बिहार व बंगाल के छात्रों की संख्या काफी होती है। ये छात्र मदरसों में बने हास्टल में रहते हैं। पिछले वर्ष कोरोना संक्रमण की वजह से छात्र अपने घरों को वापस लौट गए थे। मदरसे तो खुल गए, लेकिन हास्टल में रुकने पर पांबंदी की वजह से छात्र मदरसों में नहीं आ रहे थे।
इनका ये है कहना:
मदरसे खुलने के बाद छात्रों का आना शुरू हो गया है। छात्रों के अभिभावकों को सूचित भी किया जा रहा है। मदरसों में 40 फीसद तक छात्र आने लगे हैं। जल्द ही इनकी संख्या में और वृद्धि होगी। - रशीद अनवर सिद्दीकी, जनरल सेक्रेटरी, मैनेजर्स एसोसिएशन मदारिस अरबिया