Kanpur Kidnapping News : हम अपहर्ताओं से जूझ रहे थे, इंस्पेक्टर गाड़ी से बाहर तक नहीं निकले

22 जून से अपहृत संजीत के पिता चमन सिंह ने पुलिस की बेपरवाही पर उठाए सवाल।

By Abhishek AgnihotriEdited By: Publish:Fri, 17 Jul 2020 08:34 AM (IST) Updated:Fri, 17 Jul 2020 08:34 AM (IST)
Kanpur Kidnapping News : हम अपहर्ताओं से जूझ रहे थे, इंस्पेक्टर गाड़ी से बाहर तक नहीं निकले
Kanpur Kidnapping News : हम अपहर्ताओं से जूझ रहे थे, इंस्पेक्टर गाड़ी से बाहर तक नहीं निकले

कानपुर, जेएनएन। अपहर्ताओं को 30 लाख रुपये दिलवाने के बाद भी अभी तक अपहृत का कोई पता न लगने से पुलिस की कार्यशैली पर सवाल खड़ा हो गया है। इस पुलिसिया बेपरवाही की कहानी खुद अपहृत संजीत यादव के पिता भी बताते हैैं। बेटे के गम में टूट चुके पिता चमन सिंह का कहना है कि बदमाश हमें बार-बार फोन कर रहे थे, इससे हमारी हवाइयां उड़ी जा रही थीं। डर था कि कहीं कुछ बेटे को नुकसान न हो जाए। गुजैनी बाईपास स्थित पानी की टंकी के पास पहुंचने पर जब फिर फ्लाईओवर की तरफ आने को कहा तो खीजकर कह भी दिया कि आगे न आ सकूंगा, लेकिन अपहरणकर्ता उन्हें डराते-धमकाते और बेटे की जान की सलामती के लिए दबाव बनाते रहे। पुलिस के भरोसे पर हम आगे बढ़ते गए।

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बैग फेंकने के काफी देर बाद आए थाना प्रभारी

पुलिस ने मेरे साथ आए भांजे हरीश व उसके दोस्त प्रकाश को एक किलोमीटर आगे भेज दिया। हमने अपहरणकर्ताओं के कहे मुताबिक फ्लाईओवर से नोट व कपड़े से भरा बैग नीचे बांदा वाली रेलवे लाइन की तरफ फेंक दिया। मुझे भरोसा था कि पुलिस मुस्तैद होगी और न सिर्फ अपहर्ता को पकड़ लेगी, बल्कि बेटे को भी सकुशल बरामद कर लेगी। इनके पकड़े जाने से रकम भी बच जाएगी। बर्रा थाना प्रभारी रणजीत राय व सादे कपड़ों में छह पुलिसकर्मी होने से यह भरोसा था। बाद में पता लगा कि एसओ तो बदमाशों के पीछे कहीं गए ही नहीं। वे निजी कार में बैठे रहे। दो-तीन सिपाही पुल के आसपास और दो-तीन मेरे पास टहलते रहे। अपहरणकर्ता ने उन्हें देखकर फोन पर कहा भी था कि तुम्हारे साथ कई लोग हैं।

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चमन के इशारे पर पुलिसकर्मी पुल पर आगे जाकर बैठ गए। बैग फेंकने के काफी देर बाद थाना प्रभारी आए। नीचे गए तो पता लगा कि वहां घेराबंदी के लिए पुलिसकर्मी ही तैनात नहीं किए गए थे। इस बारे में एसपी साउथ अपर्णा गुप्ता का एक बेतुका बयान भी वायरल हुआ, जिसमें वे दलील देती दिखीं कि फ्लाईओवर से रेलवे ट्रैक तक पहुंचने में डेढ़-दो किमी जाना पड़ता है। जब तक टीम पहुंची, बैग लेकर बदमाश भाग निकले थे।

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इनका ये है कहना

पीडि़त परिवार ने जितने भी आरोप लगाए हैैं, सबकी निष्पक्षता से जांच होगी। जो भी दोषी मिलेगा, उसके खिलाफ कठोर कार्रवाई भी की जाएगी।

-दिनेश कुमार पी, एसएसपी 

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