JNNURM Scam Kanpur: 869 करोड़ खर्च होने के बाद भी प्यास ही जनता और सूखी पड़ीं टोटियां

जवाहर लाल नेहरू नेशनल अरबन रिन्यूवल मिशन के तहत डाली गई 15 किमी घटिया पाइप लाइन के कारण कई इलाकों की जलापूर्ति बंद है। करोड़ों के बने पंपिंग स्टेशन और टंकियों की टेस्टिंग अभी बाकी है। मामले में आठ साल पहले कंपनी ब्लैक लिस्टेड हो चुकी है।

By Abhishek AgnihotriEdited By: Publish:Wed, 08 Sep 2021 12:59 PM (IST) Updated:Wed, 08 Sep 2021 12:59 PM (IST)
JNNURM Scam Kanpur: 869 करोड़ खर्च होने के बाद भी प्यास ही जनता और सूखी पड़ीं टोटियां
कानपुर शहर के कई इलाकों में जलापूर्ति रुकी है।

कानपुर, जेएनएन। जवाहर लाल नेहरू नेशनल अरबन रिन्यूवल मिशन (जेएनएनयू्आरएम) की पेयजल योजना में 869.08 करोड़ रुपये खर्च होने के बावजूद 19 पंपिंग स्टेशन और टंकियां सूखी पड़ी हैं। 15 किमी घटिया पाइप की सप्लाई करने वाले कंपनी दोशियान को आठ साल पहले ब्लैकलिस्टेड किया जा चुका है, लेकिन अभी तक एक भी अभियंता पर कार्रवाई नहीं हुई। खास बात ये है कि अभी तमाम पंपिंग स्टेशन और टंकियों की टेस्टिंग बाकी है। इनकी गुणवत्ता पर भी सवाल है। फिलहाल शासन की ओर से जांच शुरू होने के बाद अभियंता खुद को बचाने में जुटे हैं।

विश्वबैंक बर्रा में बनी टंकी में दस साल से नहीं आया पानी

विश्वबैंक बर्रा में अंधा कुआं के पास दस साल पहले दो करोड़ रुपये की लागत से पंपिंग स्टेशन और टंकी का निर्माण कराया गया था, लेकिन आज तक यहां जलापूर्ति शुरू ही नहीं हो सकी। पार्षद अर्पित यादव ने बताया कि यहां की पचास हजार आबादी हैंडपंप और सबमर्सिबल पंप से पानी भरने को मजबूर है। जाजमऊ, बर्रा, कृष्णानगर, किदवईनगर, गांधीग्राम, हंसपुरम, कर्रही, वाजिदपुर, दर्शनपुरवा समेत कई जगह के पंपिंग स्टेशन और टंकियों का यही हाल है।

खेल पर खेल हुआ

जेएनएनयू्आरएम की पेयजल योजना में खेल ही खेल हुए। बैराज वाटर ट्रीटमेंट प्लांट के निर्माण के साथ ही शहर में टंकी, पंपिंग स्टेशन और घरेलू पाइपलाइन डाल दी गई। नीले रंग के पाइप से घरेल कनेक्शन भी दे दिए। बैराज से सभी पंपिंग स्टेशन और टंकी तक पानी पहुंचाने के लिए मुख्य 15 किमी पाइपलाइन बाद में डाली गई। टेस्टिंग हुई तो पोल खुल गई। होना यह चाहिए था कि मुख्य पाइप लाइन की हर एक किमी पर डालते समय ही टेस्टिंग होनी चाहिए थी। ऐसा होता तो उसी समय पाइपलाइन की गुणवत्ता पता चल जाती और करोड़ों रुपये बर्बाद न होते।

यहां पर किया गया पालन

फूलबाग से जाजमऊ तक वर्ष 2017 में जल निगम ने पाइप डाले थे। यहां पर पाइपलाइन डालने के साथ ही उसकी टेस्टिंग की गई। इसके लिए बीच-बीच में सबमर्सिबल पंप लगाए गए थे।

पेयजल योजना का हाल

योजना - 869.08 करोड़ रुपये

जोनल पंपिंग स्टेशन - 76

टंकी - 45

जनता बोली

दस साल से टंकी बनी खड़ी है, लेकिन अभी तक चालू नहीं हुई है। ये टंकियां अब पता बताने के काम आती हैं। - सिद्धार्थ, विश्वबैंक बर्रा

-टंकी चालू हो जाए तो सीधे गंगाजल घरों तक पहुंचने लगेगा। पीने का पानी खरीदना नहीं पड़ेगा। हैंडपंप और सबमर्सिबल पंप के भरोसे है। -भरत, विश्व बैंक बर्रा

-रिपोर्ट शासन को भेज दी है। अब आगे की कार्रवाई शासन स्तर पर होगी। पाइप डालने के बारे में भी प्रस्ताव भेजा है। -शमीम अख्तर, परियोजना प्रबंधक जल निगम।

कंपनी पर हुई कार्रवाई, अभियंता पर मेहरबानी

दोशियान कंपनी को आठ साल पहले घटिया पाइप की सप्लाई को लेकर ब्लैक लिस्टेड किया गया था। उस वक्त अधीक्षण अभियंता एम त्रिपाठी ने कार्रवाई की थी। परियोजना प्रबंधक एसके गुप्ता को कार्रवाई के नाम पर लखनऊ संबद्ध कर दिया गया था। अब 24 अभियंताओं पर हुए मुकदमे में उनका भी नाम शामिल है।

टंकी का निर्माण

टंकी - विश्व बैंक बर्रा

बनी - दस साल पहले

टंकी लागत - डेढ़ करोड़ रुपये

टंकी की क्षमता - चार सौ करोड़ लीटर

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