कानपुर में जलकल विभाग की बढ़ी चिंता, एक हफ्ते में एक फीट तक गिरा गंगा का जलस्तर
गंगा का जलस्तर फरवरी माह में 358.4 फीट पहुंचा। बालू अाने से जलकल अफसरों ने गंगा से जल खींचने के लिए ड्रेजिंग मशीन लगाना शुरू की। गंगा जलस्तर अौर दो फीट गिरने से हो सकता पेयजल संकट रोज होती 20 करोड़ लीटर सप्लाई।
कानपुर, जेएनएन। गंगा का जलस्तर घटने के साथ ही जलकल विभाग की चिंता बढ़ने लगी है। फरवरी माह में गंगा का जलस्तर भैरोघाट पंपिंग स्टेशन के पास 358.4 फीट पहुंच गया है। एक हफ्ते में एक फीट गिर चुका है। साथ ही बालू अाने से जलकल अफसरों ने गंगा से जलापूर्ति के लिए जल खींचने के लिए ड्रेजिंग मशीन लगानी शुरू कर दी है। गंगा का जलस्तर अौर दो फीट गिर गया तो शहर में पेयजल संकट खड़ा हो सकता है। रोज बीस करोड़ लीटर जलापूर्ति शहर में होती है। पिछले साल कोरोना के चलते उद्योग अौर टेनरी बंद होने के चलते गंगा का जलस्तर 360 फीट के ऊपर रहा है। इसके चलते 17 साल बाद एेसा मौका अाया कि जलकल को गंगा जल खींचने के लिए धारा मोड़ने के लिए अस्थायी बंधा नहीं बनाना पड़ा था।
इस बार स्थितियां दिखाई देने लगी है। फरवरी माह के अंत में गंगा का जलस्तर 358.4 फीट पहुंच गया है। तेजी से गंगा का जलस्तर गिर रहा है। दो फीट गिरने पर बालू की बोरियों का अस्थायी बंधा बनाना पड़ जाएगा। जलकल विभाग ने तैयारी शुरू कर दी है ताकि शहर में जलापूर्ति न बिगड़े। लोअर गंगा कैनाल पहले ही अक्टूबर 2020 से बंद पड़ी है। इसके चलते पांच करोड़ लीटर की जलापूर्ति बंद है। गर्मी में पानी की डिमांड बढ़ जाती है। रोज भैरोघाट से बीस करोड़ लीटर जलापूर्ति की जाती है। ड्रेजिंग मशीन लगा दी गयी है।