देश के प्रदूषित शहरों में तीसरे नंबर पर कानपुर, पहले नंबर पर लखनऊ और दूसरे पर वाराणसी
यूपी के प्रमुख शहरों में वायु प्रदूषण तेजी से बढ़ रहा है इसका कारण वाहनों का धुआं और धूल है जो शहरों के हालात बिगाड़ रही है। पीसीबी के अफसर मान रहे हैं कि हवा चलने पर प्रदूषण कम होगा तापमान घटने से गैसें ऊपर नहीं जा पा रही हैं।
कानपुर, जेएनएन। कानपुर शहर में गुरुवार के मुकाबले वायु प्रदूषण की स्थिति जरूर कुछ कम हुई है, लेकिन भयावहता बरकरार है। हानिकारक गैसें व अतिसूक्ष्म तत्वों का घनत्व बढ़ा हुआ है। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की ओर से शुक्रवार की शाम जारी रिपोर्ट में कानपुर देश के प्रदूषित शहरों की सूची में तीसरे नंबर पर है। पहला स्थान लखनऊ और दूसरे पर वाराणसी है।
शहर में वायु गुणवत्ता सूचकांक बिगडऩे की प्रमुख वजह वाहनों से निकलने वाला धुआं और सड़क किनारे से उड़ती धूल है। नगर निगम, जिला प्रशासन और ट्रैफिक पुलिस की ओर से अभियान चलाए जाते हैं, लेकिन उसका कोई खास असर नहीं पड़ रहा है। प्रमुख चौराहों और बाजारों में रोजाना जाम की स्थिति बन रही है। पहले निकलने की होड़ में जाम लग जाता है। एक ही समय में सैकड़ों वाहनों के इंजन से धुआं निकलकर वातावरण में फैलता है। इसके अलावा मेट्रो, जल निगम की खोदाई से धूल हवा में उड़ती रहती है।
प्रदूषित शहरों की सूची
शहर : वायु गुणवत्ता सूचकांक
लखनऊ- 346
वाराणसी- 330
कानपुर- 318
पटना- 316
कटनी- 294
हवा चलने पर कम होगा घनत्व
उप्र प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के क्षेत्रीय अधिकारी आनंद कुमार ने बताया कि हवा चलने पर वायु प्रदूषण का घनत्व कुछ कम हो जाएगा। तापमान कम होने से गैसें अधिक ऊंचाई पर नहीं जा पाती हैं।