टैक्स की दरों में परिवर्तन बढ़ाएगा उत्पादों की कीमतें, उद्यमी बोले- अभी स्थगित किया जाए
जीएसटी काउंसिल की बैठक में टैक्स परिवर्तन समेत कई फैसलों पर उद्यमियों ने आपत्ति जताई है । प्रिंटिंग कारोबारियों कारोबारियों का कहना है कि जीएसटी का निर्णय लागू होने से कारोबार की कार्यशील पूंजी ही फंस जाएगी ।
कानपुर, जेएनएन। जीएसटी काउंसिल की बैठक में लिए गए निर्णयों से ज्यादातर उद्यमी फौरी तौर पर सहमत नहीं हैं। उनका कहना है कि कोरोना के बाद उद्योग व कारोबार संभालना शुरू हुआ है, ऐसे में टैक्स की दरों में वृद्धि से उनकी कार्यशील पूंजी फंसेगी। इसे फिलहाल कुछ माह के लिए स्थगित ही रखा जाए।
कोरोना संक्रमण के बाद अभी उद्योग पुरानी रफ्तार नहीं पकड़ सके हैं और ऐसे में अचानक जीएसटी बदलाव से कारोबार पर खासा असर पड़ेगा। उद्यमियों ने फिलहाल जीएसटी के निर्णय पर आपत्ति जताई है। बढ़ी हुई टैक्स दर से कारोबार पर सीधा असर पड़ेगा और बाजार में भी दिक्कत बढ़ जाएंगी। आइए देखते हैं शहर के प्रमुख कारोबारियों का क्या कहना है इस बारे में...।
क्या कहते हैं शहर के उद्यमी
-प्रिंटिंग व पैकेजिंग मैटेरियल को 12 से 18 फीसद कर दिया गया है। इससे टैक्स जमा करने में छह फीसद का अंतर आ जाएगा। इससे कार्यशील पूंजी फंसने लगेगी। कारोगेटेड बाक्स का कारोबार तेजी से बढ़ रहा था, इसलिए अब उतनी ही ज्यादा पूंजी भी फंसेगी। -दिनेश बरासिया, महामंत्री इंडियन इंडस्ट्रीज एसोसिएशन कानपुर चैप्टर
-काटन के धागे पर पांच फीसद टैक्स है और कपड़े पर टैक्स पांच से बढ़ाकर 12 फीसद कर दिया गया है। इसकी वजह से अब सात फीसद अतिरिक्त टैक्स भरना पड़ेगा। इसकी वजह से कीमतों में वृद्धि होगी। -मनोज बंका, प्रांतीय अध्यक्ष प्राविंशियल इंडस्ट्रीज एसोसिएशन
-जो भी होगा वह बेहतर ही होगा। फुटवियर इंडस्ट्री में पांच से 12 फीसद टैक्स दर होने से इनवर्टेड ड्यूटी स्ट्रक्चर का रिफंड नहीं मिलेगा। इसकी वजह से कम कीमत के फुटवियर की कीमत बढ़ सकती है। -जावेद इकबाल, रीजनल चेयरमैन काउंसिल फार लेदर एक्सपोर्ट
-दरों का बढ़ाना न्यायसंगत नहीं है। अभी मार्च तक का समय दिया जाना चाहिए। अभी बाहर से भी माल नहीं आ पा रहा है। उद्यमी किसी तरह चीजों को मैनेज कर रहे हैं। -आरके सफ्फड़, महामंत्री यूपी डाइज एंड केमिकल मर्चेंट एसोसिएशन