कानपुर में श्मशान घाटों पर अगर तय दाम से ज्यादा रुपये लिए तो दुकानदारों को सीधे होगी जेल
श्मशान घाटों में पहले जहां पर शवों का तांता लगा हुआ था। वह दो दिन से कम हो रहा है। भैरोघाट में 30 भगवतदास घाट में 17 सिद्धनाथ घाट में 16 स्वर्गाश्रम में 22 और बिठूर में 46 शवों का अंतिम संस्कार किया गया।
कानपुर, जेएनएन। श्मशान घाट में शवों के अंतिम संस्कार के लिए दस से 15 हजार रुपये तक की वसूली हो रही है। मामला सामने आने पर महापौर गुरुवार को अचानक भैरोघाट स्थित श्मशान घाट पहुंचीं। उन्होंने दुकानदारों से साफ कहा कि यदि बाजार मूल्य से ज्यादा पैसा वसूला गया तो दुकान हटा दी जाएगी और जेल भेजा जाएगा। साथ ही शवों के अंतिम संस्कार में नगर निगम द्वारा तय लकड़ी और कर्मकांड के अलावा वसूली करने वालों पर कार्रवाई की जाएगी।
महापौर प्रमिला पांडेय ने बताया कि कई लोगों ने मोबाइल पर शिकायत की कि श्मशान घाट में लकड़ी और कर्मकांड का पैसा देने के बाद भी नीचे शवों के अंतिम संस्कार के लिए दस हजार से 15 हजार रुपये वसूली की जा रही है। इसकी जानकारी मिलने पर वह तुरन्त भैरोघाट पहुंचीं। इसके साथ विद्युत शवदाह गृह का निरीक्षण किया यहां पर व्यवस्थाएं दुरुस्त पाईं, जिसमें टोकन के अनुसार शवों का दाह संस्कार करना शामिल है। शवों के दाह संस्कार हेतु लकड़ी की कमी की शिकायत पर उद्यान अधिकारी बीके सिंह को पर्याप्त लकड़ी की व्यवस्था के लिए आदेश दिए। इस अवसर पर रबिश प्रभारी रफजूल रहमान भी मौजूद रहे।
श्मशान घाटों में शवों के आने का सिलसिला हुआ कम : साप्ताहिक बंदी का असर अब श्मशानघाटों में भी दिखने लगा है। शवों का अंतिम संस्कार कम हुए है। अब सामान्य दिनों की तरह शवों के आने का सिलसिला गुरुवार को रहा। वहीं विद्युत शवदाह गृह में भी सिर्फ 58 कोरोना संक्रमित शवों का अंतिम संस्कार हुआ।
कोरोना की कहर का असर अब कम दिखने लगा है। श्मशान घाटों में पहले जहां पर शवों का तांता लगा हुआ था। वह दो दिन से कम हो रहा है। भैरोघाट में 30, भगवतदास घाट में 17, सिद्धनाथ घाट में 16, स्वर्गाश्रम में 22 और बिठूर में 46 शवों का अंतिम संस्कार किया गया। भीड़ कम होने से लोगों को परेशानी भी नहीं हुई।श्मशान घाटों में काम करने वालों ने बताया कि दो दिन से राहत है। शवों का आने का सिलसिला कम हुआ है। शुरू में तो खड़े होने तक की जगह नहीं थी। वहीं भैरोघाट विद्युत शवदाह गृह में 54 शवों का अंतिम संस्कार हुआ। इसमें 41 का लकड़ी से और 13 का बिजली से अंतिम संस्कार किया गया। शाम को शवदाह गृह खाली हो गए। वहीं,भैरोघाट में सिर्फ चार कोरोना संक्रमित शवों का अंतिम संस्कार किया गया।