कानपुर में भी होने लगी रेमडीसिविर, ऑक्सीमीटर और दवाओं की किल्लत, डॉक्टर लोगों को दे रहे ये सलाह
सरकारी और निजी अस्पतालों में पहले से ही बेड का संकट बना हुआ है। इसके बावजूद लोग मान नहीं रहे हैं। इसका खामियाजा रोजाना पॉजिटिव केसों के इजाफे के रूप में सामने आ रहा है। रविवार को कोरोना संक्रमण की चपेट में आकर 14 जिंदगियां समाप्त हो गईं
कानपुर, जेएनएन। कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर लगातार अपना शहरवासियों पर कहर बरपाती जा रही है। इस दौरान अस्पतालों में दवाओं और रेमडीसिविर के इंजेक्शन और ऑक्सीमीटर का टोटा भी हो गया है। वहीं दवा और जरूरी उपकरणों का टोटा पडऩे लगा है। जरूरी सामान को दोगुने दामों में बेचा जा रहा है। डॉक्टर लोगों को अपना ख्याल खुद रखने की सलाह दे रहे हैं, ताकि वो बीमारी की चपेट में न आएं।
बात करें कानपुर और आसपास के जिलों की तो इसमें जरा सी चूक अच्छे खासे सेहतमंद को बिस्तर पकड़ा दे रही है। सरकारी और निजी अस्पतालों में पहले से ही बेड का संकट बना हुआ है। इसके बावजूद लोग मान नहीं रहे हैं। इसका खामियाजा रोजाना पॉजिटिव केसों के इजाफे के रूप में सामने आ रहा है। रविवार को कोरोना संक्रमण की चपेट में आकर 14 जिंदगियां समाप्त हो गईं, जबकि 1574 नए संक्रमित मिले हैं। जिले में एक्टिव केसों की संख्या 11801 हो गई है। अब तक कोरोना की वजह से 952 लोग दम तोड़ चुके हैं। ऐसे में पल्स ऑक्सीमीटर की डिमांड बढ़ गई है। ऐसे में मनमाने दामों पर इसकी बिक्री की जा रही है। कोरोना की दूसरी लहर में सैनिटाइजर की कीमत में भी उछाल आया है। हालांकि सैनिटाइजर पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध है। ड्रग इंस्पेक्टर का कहना है कि कालाबाजारी को देखने के लिए छापे मारे जाएंगे।
बांदा की स्थिति
जिले में ऑक्सीजन की खपत - 175 सिलिंडर
ऑक्सीजन उपलब्धता - 350 बड़े व 100 छोटे सिलिंडर
रेमडेसिविर इंजेक्शन डिमांड - 600 इंजेक्शन
इंजेक्शन की खपत - 28
उपलब्धता - 50 इंजेक्शन - शाम तक 100 और मिलने हैं।
फैबी फ्लू - सरकारी अस्पतालों व मेडिकल स्टोरों में उपलब्धता नहीं है।