आसमानी अमृत सहेजने में केडीए ही नहीं संजीदा, प्राधिकरण की खुद की बनी कई योजनाओं में रेन वाटर हार्वेस्टिंग

करोड़ों लीटर पानी बचाया जा सकता है। केडीए की जिम्मेदारी है कि वह तीन सौ वर्ग मीटर क्षेत्रफल से अधिक में बनी इमारतों में रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम लगवाना सुनिश्चित करे लेकिन बन रही इमारतों में भूगर्भ संरक्षण के बजाय उसका बेहिसाब दोहन हो रहा है

By Akash DwivediEdited By: Publish:Mon, 21 Jun 2021 12:39 PM (IST) Updated:Mon, 21 Jun 2021 12:39 PM (IST)
आसमानी अमृत सहेजने में केडीए ही नहीं संजीदा, प्राधिकरण की खुद की बनी कई योजनाओं में रेन वाटर हार्वेस्टिंग
रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम नहीं बनाया गया है, जबकि बरसात ने दस्तक दे दी है

कानपुर, जेएनएन। शहर में आसमानी अमृत को सहेजने की जिम्मेदारी केडीए की है, पर विभाग की संजीदगी का आलम ये है कि उसकी खुद की कई इमारतों में बारिश की बूंदों को बर्बाद होने से बचाने की व्यवस्था नहीं है। केडीए के शताब्दी नगर में बने तमाम अपार्टमेंट में अभी तक रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम नहीं बनाया गया है, जबकि बरसात ने दस्तक दे दी है।

रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम बनने से करोड़ों लीटर पानी बचाया जा सकता है। केडीए की जिम्मेदारी है कि वह तीन सौ वर्ग मीटर क्षेत्रफल से अधिक में बनी इमारतों में रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम लगवाना सुनिश्चित करे, लेकिन बन रही इमारतों में भूगर्भ संरक्षण के बजाय उसका बेहिसाब दोहन हो रहा है, जिससे भूगर्भ जलस्तर गिरता जा रहा है। समय रहते न चेते तो पीने के पानी का संकट खड़ा हो जाएगा। अपर मुख्य सचिव दीपक कुमार ने पिछले दिनों अफसरों को आदेश दिए थे कि रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम का पालन कराया जाए। इसके बाद भी केडीए अभी तक अपनी ही तमाम इमारतों में सिस्टम नहीं लगा पाया है।

केडीए की इन इमारतों में सिस्टम : सिग्नेचर ग्रीन्स सिटी, रेजीडेंसी अपार्टमेंट किदवईनगर, मैनावती मार्ग और कल्याणपुर में बनी इमारतें।

यहां पर सिस्टम नहीं : हिमालय अपार्टमेंट शताब्दी नगर, अमन इनक्लेव, जवाहर पुरम सेक्टर छह और 13, शताब्दी नगर योजना दो। 72 लाख से लगाया जा रहा केडीए बची इमारतों में 72 लाख से रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम लगा रहा है। इससे ढाई हजार फ्लैटों को लाभ मिलेगा। प्रस्ताव तैयार हो गया है। स्वीकृति मिलते ही टेंडर करके काम शुरू किया जाएगा।

अवैध इमारतों में कौन लगवाएगा : शहर में सीसामऊ, जवाहर नगर, नेहरू नगर, जीटी रोड, पीरोड, कल्याणपुर, शारदा नगर, गांधीनगर, श्यामनगर, पनकी समेत कई इलाकों में तीन सौ वर्ग मीटर क्षेत्रफल से ऊपर के भूखंडों में निर्माण हो रहा है, लेकिन रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम नहीं लगा है। अभियंता और बिल्डरों की दोस्ती के चलते मानकों को पालन नहीं हो रहा। बिना रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम के बन रहीं इमारतों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। दस्ते के सभी प्रभारियों से जोनवार रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम की रिपोर्ट तलब की गई है।- एसपी सिंह, सचिव केडीए शाताब्दीनगर और जवाहरपुरम योजना में बने अपार्टमेंट में रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम लगाने के लिए 72 लाख रुपये का प्रस्ताव तैयार हुआ है। स्वीकृति मिलते ही कार्य शुरू कर दिया जाएगा।

                                                                        - आशु मित्तल, अधिशासी अभियंता केडीए

रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम अभी इमारत में नहीं लगा है। लग जाए तो इस बार बारिश में करोड़ों लीटर पानी बचाया जा सकता है।

ज्ञानराम, अमन इनक्लेव शताब्दी नगर : इमारत बनने के बाद केडीए को रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम बनाने की याद आई है। अब देखना है कि कब तक सिस्टम बनकर तैयार होता है।

                                                                        - अर्पित कश्यप, हिमालय भवन   शताब्दी नगर  

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