कानपुर में ट्रांसपोर्टरों के बंदी में शामिल होने से नजर आएगा असर, जानिए कैसे तोड़ेंगे कोरोना की चेन
अब यूपी मोटर ट्रांसपोर्ट एसोसिएशन व यूपी युवा मोटर ट्रांसपोर्ट एसोसिएशन ने भी घोषणा की है कि वे 22 अप्रैल से कारोबारियों के माल की बुकिंग लोडिंग अनलोडिंग डिलीवरी देने का कोई भी काम नहीं करेंगे। गुरुवार से यह शुरू हो जाएगा
कानपुर, जेएनएन। कोरोना के बढ़ते संक्रमण को लेकर अलग-अलग बाजारों के संगठनों द्वारा की जा रही बाजार बंदी की घोषणा का असली असर अब ट्रांसपोर्टरों की बंदी के साथ नजर आएगा क्योंकि दुकानें बंद करने के बाद भी बहुत से कारोबारी गोदाम से कारोबार कर रहे थे।
लाटूश रोड मशीनरी बाजार ने सोमवार से रविवार तक बाजार बंदी की घोषणा की थी ताकि कोरोना के संक्रमण से बचा जा सके। इसके बाद एक के बाद एक बाजारों ने बंदी की घोषणा शुरू कर दी थी। सराफा, किराना, लोहा बाजार, घुमनी बाजार, सरोजनी नगर का मशीनरी बाजार, लाल इमली का साइकिल बाजार से होते हुए अब गल्ला मंडी और गड़रियनपुरवा का आटो मार्केट भी इसमें शामिल हो चुके हैं। इसमें कुछ बाजार ऐसे भी हैं जिन्होंने बाजार में अपनी दुकानें तो बंद कर दीं लेकिन गोदाम से अपना कारोबार जारी रखा। इसको लेकर खुद उनके बाजार के व्यापारी नाराज हैं। गोदाम से काम चलाने वाले बड़े कारोबारी लगातार माल मंगा भी रहे हैं और बाहर भी माल भेज रहे हैं।
अब यूपी मोटर ट्रांसपोर्ट एसोसिएशन व यूपी युवा मोटर ट्रांसपोर्ट एसोसिएशन ने भी घोषणा की है कि वे 22 अप्रैल से कारोबारियों के माल की बुकिंग, लोडिंग, अनलोडिंग, डिलीवरी देने का कोई भी काम नहीं करेंगे। गुरुवार से यह शुरू हो जाएगा और 26 अप्रैल की सुबह तक इनमें से कोई काम नहीं होगा। खासतौर पर यूपी मोटर ट्रांसपोर्ट एसोसिएशन ने तो अपनी घोषणा में ही कहा है कि वह परचून का कोई माल नहीं लादेंगे। अब जो कारोबारी गोदाम से माल खरीद, बेच रहे थे, उनका काम चार दिन के लिए पूरी तरह बंद हो जाएगा। ट्रांसपोर्ट एसोसिएशन के कई पदाधिकारियों के संक्रमित होने की वजह से बाकी ट्रांसपोर्टर कोई खतरा मोल नहीं लेना चाहते।