कानुपर में भूखों का पेट भरने के साथ ही जरूरत पडऩे पर दे रहे कांधा, जानिए दरियादिली की पूरी कहानी

डॉ. नवनीत और भैरोघाट में धनीराम पैंथर को सौंप दिया जाता है। संरक्षक सुनील दीक्षित ने बताया कोविड से शहर में हो रही मौत के बाद शव को उठाने वाला कोई नहीं है। ऐसे में भैरोघाट में उनकी दस सदस्यीय टीम लगी हुई है।

By Akash DwivediEdited By: Publish:Fri, 07 May 2021 10:09 AM (IST) Updated:Fri, 07 May 2021 10:09 AM (IST)
कानुपर में भूखों का पेट भरने के साथ ही जरूरत पडऩे पर दे रहे कांधा, जानिए दरियादिली की पूरी कहानी
जरूरत पडऩे पर और भी उपलब्ध कराएंगे

कानपुर, जेएनएन। कोरोना की दूसरी लहर के बाद से लोग आर्थिक संकट से गुजर रहे हैं। ऐसे लोगों की मदद के लिए गुरु सनातन धर्म नवयुवक मंडल आगे आया है। मंडल के सदस्य अस्पताल से लेकर भैरोघाट घाट तक जरूरतमंदों की मदद कर रहे हैं। 

मंडल के संस्थापक आयुष गौड़ ने बताया कि पिछले वर्ष हुए लॉकडाउन में संस्था की ओर से जरूरतमंदों में भोजन व पानी का वितरण शुरू हुआ था। कोविड की दूसरी लहर में बड़ी संख्या में लोग आर्थिक रूप से टूट चुके हैं। ऐसे लोगों की मदद के लिए एडीएम सिटी के आग्रह पर रामनवमी पर गोविंद नगर स्थित राहुल बघेल की दुकान में किचन बनाई गई। यहां प्रतिदिन 70 पैकेट भोजन तैयार होता है। इसके बाद डॉ. नवनीत और भैरोघाट में धनीराम पैंथर को सौंप दिया जाता है। संरक्षक सुनील दीक्षित ने बताया, कोविड से शहर में हो रही मौत के बाद शव को उठाने वाला कोई नहीं है। ऐसे में भैरोघाट में उनकी दस सदस्यीय टीम लगी हुई है। जो शव को उठाकर उसका अंतिम संस्कार करती है। उन्होंने बताया गुरुवार को 300 मीटर कफन का कपड़ा भैरोघाट में लगे कर्मचारियों को दिया गया। जरूरत पडऩे पर और भी उपलब्ध कराएंगे।

मजदूरों और रिक्शा चालकों को बंटवाया खाना : व्यापारियों के सहयोग से एसीपी कर्नलगंज ने गुरुवार शाम मजदूरों और रिक्शा चालकों के बीच करीब दो सौ से ज्यादा खाने के पैकेट बांटे गए। इस दौरान व्यापारी नेता उमंग अग्रवाल व उनके साथी रहे एसीपी ने बताया कि व्यापारियों के सहयोग से आगे भी भोजन वितरण कार्यक्रम जारी रहेगा। इधर, कलक्टरगंज व हरबंशमोहाल क्षेत्र में भी कुछ व्यापारियों ने गरीबों को लंच पैकेट दिए।

बचत के रुपये से बेजुबानों को कराते भोजन : बर्रा आठ के रहने वाले छात्र अभिषेक पांडेय ने बताया कि कोरोना की दूसरी लहर के बाद से वह बचत के रुपयों से बेजुबानों के खाने की व्यवस्था कर रहे हैं। इसमें क्षेत्र के रुद्र और आलोक भी सहयोग करते हैं 

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