कानपुर में Corona के साथ ही अब Black fungus का भी थमने लगा है संक्रमण, जानिए ऐसा क्यों...

वार्ड तीन फुल होने पर ब्लैक फंगस के मरीजों को वार्ड 4 में भर्ती करना पड़ रहा था। उधर ब्लैक फंगस के दो पीडि़तों में कोरोना के संक्रमण की पुष्टि पर न्यूरो साइंस सेंटर के कोविड हास्पिटल में शिफ्ट कराया गया था।

By Akash DwivediEdited By: Publish:Sat, 12 Jun 2021 04:34 PM (IST) Updated:Sat, 12 Jun 2021 04:34 PM (IST)
कानपुर में Corona के साथ ही अब Black fungus का भी थमने लगा है संक्रमण, जानिए ऐसा क्यों...
ब्लैक फंगस के मरीज उस संख्या में नहीं आ रहे जैसे पहले आ रहे थे

कानपुर, जेएनएन। कोरोना वायरस के साथ-साथ ब्लैक फंगस यानी म्यूकर माइकोसिस का संक्रमण भी थमने लगा है। दो दिन से जीएसवीएम मेडिकल कालेज के एलएलआर अस्पताल हैलट में एक भी मरीज नहीं भर्ती हुआ है। अस्पताल में भर्ती 44 ब्लैक फंगस पीडि़तों में चार की स्थिति में तेजी से सुधार हुआ है। इलाज कर रहे डाक्टरों से रायशुमारी के बाद चार मरीजों को एक-दो दिन में अस्पताल से छुट्टी दी जा सकती है।

प्राचार्य प्रो. आरबी कमल ने बताया कि कोरोना वायरस के संक्रमण के साथ तेजी से ब्लैक फंगस के केस भी बढऩे लगे थे। तेजी से बढ़ती मरीजों की संख्या को देखते हुए वार्ड तीन और चार को ब्लैक फंगस का वार्ड बनाया गया था। वार्ड तीन फुल होने पर ब्लैक फंगस के मरीजों को वार्ड 4 में भर्ती करना पड़ रहा था। उधर, ब्लैक फंगस के दो पीडि़तों में कोरोना के संक्रमण की पुष्टि पर न्यूरो साइंस सेंटर के कोविड हास्पिटल में शिफ्ट कराया गया था। इस तरह से अब कानपुर में ब्लैक फंगस के मरीज उस संख्या में नहीं आ रहे जैसे पहले आ रहे थे।

तीन मरीजों की निकाली आंख : ब्लैक फंगस के तीन गंभी मरीजों की आंखें निकालनी पड़ी हैं। उसमें एक 30 वर्षीय युवक, एक 56 वर्षीय एवं 59 वर्षीय पुरुष हैं। इन मरीजों में ब्लैक फंगस का संक्रमण बुरी तरह से फैल गया था। आंख में भी मूवमेंट नहीं था। ऐसे में संक्रमण उनके ब्रेन में जाने का डर था, इसलिए उनकी आंखें निकालने का निर्णय लिया गया। अब उनकी स्थिति में सुधार हो रहा है, जबकि एक की स्थिति अभी गंभीर बनी है।  

chat bot
आपका साथी