जनवरी से ग्रीनपार्क में रणजी मुकाबलों से हो सकती है क्रिकेट की शुरुआत
बीसीसीआइ द्वारा जनवरी से मार्च की विंडो में रणजी क्रिकेट की शुरुआत कराने की योजना बनाई जा रही है। जिसको देखते हुए कानपुर के ग्रीनपार्क स्टेडियम में भी तैयारियां जोरो पर चल रही हैं।पिछले सत्र ग्रीनपार्क को तीन रणजी मुकाबले मिले थे।
कानपुर, जेएनएन। विश्व क्रिकेट में अपनी खूबसूरती के साथ कई ऐतिहासिक मुकाबलों का गवाह बन चुके ग्रीनपार्क स्टेडियम की रंगत रणजी मुकाबलों से लौटेंगी। बीसीसीआइ द्वारा जनवरी से मार्च की विंडो में रणजी क्रिकेट की शुरुआत कराने की योजना बनाई जा रही है। जिसको देखते हुए ग्रीनपार्क स्टेडियम में भी तैयारियां जोरो पर चल रही हैं।
जानकारों के मुताबिक इस बार जनवरी के प्रथम सप्ताह में ग्रीनपार्क रणजी मैच से गुलजार होगा। कोविड नियमावली का पालन करते हुए बायो-बबल नियम को प्रमुखता दी जा सकती है। पिछले वर्षों की तुलना में इस बार मुकाबलों की संख्या बढ़ सकती है। ग्रीनपार्क देश के प्रमुख टेस्ट सेंटरों में शुमार होने के साथ उप्र का इकलौता सेंटर है। इसको देखते हुए रणजी मैच अधिक संख्या में होने की उम्मीद जताई जा रही है। पिछले सत्र ग्रीनपार्क को तीन रणजी मुकाबले मिले थे। वर्ष 2006 में मोहम्मद कैफ की कप्तानी के बाद से उप्र खिताब हासिल करने में कामयाब नहीं हो सका।
आइये जाने क्या है बायो-बबल
बोल चाल की भाषा में समझाएं तो यह एक ऐसा वातावरण है, जिससे बाहरी दुनिया में रहने वालों से कोई संपर्क नहीं होता। इसमें रखे जाने वाले लोग बाहर की दुनिया से पूरी तरह से कट जाते है। इसमें सभी खिलाड़ी, कोचिंग और सपोर्ट स्टाफ, मैच ऑफिशियल का कोविड टेस्ट कराने के बाद उन्हेंं बायो बबल में प्रवेश दिया जाएगा है।
अंतरराष्ट्रीय मैचों के लिए खुल सकते हैं द्वार
22 टेस्ट, 14 एकदिवसीय के साथ टी-20 और आइपीएल जैसे मुकाबलों का गवाह बन चुके ग्रीनपार्क के अंतरराष्ट्रीय मैचों के लिए भी द्वार खुल जाएंगे। वर्ष 2016 में हुए भारत बनाम न्यूजीलैंड के बीच टेस्ट मैच के बाद से ग्रीनपार्क को कोई अंतरराष्ट्रीय मैच नहीं मिला। रणजी के सफल आयोजन के बाद अंतरराष्ट्रीय मुकाबलों के लिए द्वार खुलने की भी उम्मीद यूपीसीए के पदाधिकारियों द्वारा जताई जा रही है।