Ganga Link Expressway: फाइलों में कैद प्रोजेक्ट, आइआइटी के विशेषज्ञों ने भी बताया था उपयुक्त

कानपुर शहर में जाम से निजात के लिए जून 2020 में फोरलेन एलिवेटेड गंगा लिंक एक्सप्रेस-वे के निर्माण की योजना तैयार की गई थी। इसे आइआइटी के विशेषज्ञों ने भी उपयुक्त बताया था लेकिन आजतक डीपीआर नहीं बनाई जा सकी है।

By Abhishek AgnihotriEdited By: Publish:Fri, 17 Sep 2021 09:57 AM (IST) Updated:Fri, 17 Sep 2021 09:57 AM (IST)
Ganga Link Expressway: फाइलों में कैद प्रोजेक्ट, आइआइटी के विशेषज्ञों ने भी बताया था उपयुक्त
फोरलेन एलिवेटेड गंगा लिंक एक्सप्रेस-वे का सपना अधूरा।

कानपुर, जेएनएन। शहर के आंतरिक यातायात को गति देने के लिए जून 2020 में बनी फोरलेन के एलिवेटेड गंगा लिंक एक्सप्रेस-वे के निर्माण की योजना फाइलों में कैद होकर रह गई है। आइआइटी के विशेषज्ञों ने इस प्रोजेक्ट को उपयुक्त माना था और केंद्रीय लोक निर्माण विभाग के कंसलटेंट ने इसकी डिजाइन बनाई थी। मुख्य सचिव ने 20 जून 2018 को बैठक कर उप्र राज्य औद्योगिक विकास प्राधिकरण (यूपीसीडा) को नोडल विभाग बनाया, पर प्रोजेक्ट आगे नहीं बढ़ा। अगर यह प्रोजेक्ट मूर्त रूप ले ले तो शहर को जाम की समस्या से निजात मिल जाएगी।

गोविंदनगर, दादानगर, रतनलाल नगर, फजलगंज इलाकों के लोग अगर घंटाघर स्थित सेंट्रल स्टेशन, आइआइटी की तरफ, माल रोड अथवा गंगा बैराज की तरफ जाना चाहें तो उन्हें कई जगहों पर जाम में फंसना पड़ता है। इस समस्या के समाधान के लिए ही उच्चस्तरीय समग्र विकास समिति की बैठक में समन्वयक नीरज श्रीवास्तव ने तत्कालीन मंडलायुक्त के समक्ष प्रोजेक्ट प्रस्तुत किया था। 20 जून 2020 को प्रोजेक्ट का प्रस्तुतिकरण मुख्य सचिव के समक्ष हुआ तो उन्होंने भी माना कि यह बहुत उपयोगी है और इनर रिंग रोड के रूप में गंगा लिंक एक्सप्रेस वे बनना चाहिए। उन्होंने इसके लिए विभिन्न विभागों की कमेटी बनाई और प्राधिकरण को नोडल विभाग बनाया।

इस तरह बनना है लिंक एक्सप्रेस वे

छत्रपति शाहू जी महाराज विवि से पहले कानपुर-अलीगढ़ जीटी रोड से राजकीय होम्योपैथिक मेडिकल कालेज की तरफ जाने वाली सड़क के शुरुआत स्थल से शुरू होकर यह एक्सप्रेस वे मकड़ीखेड़ा होते हुए मैनावती मार्ग, गंगा बैराज पुल को पार करते हुए दाहिनी तरफ मुड़ेगा। इसके बाद शुक्लागंज से पहले लोअर गंगा कैनाल नहर के गंगा में मिलने वाले स्थान पर आगे बढ़ते हुए रामगंगा कमांड ङ्क्षसचाई विभाग कार्यालय, जुहारी देवी कालेज, मालरोड, एक्सप्रेस रोड, घंटाघर रोड, जरीब चौकी से कालपी रोड, फजलगंज, विजय नगर, नमक फैक्ट्री चौराहा, दलहन अनुसंधान संस्थान होते हुए विवि के पास पुन: जुडऩा है। अभी पांच से 10 किमी का जो सफर तय करने में 40 से 45 मिनट लगता है, वो मात्र 10 से 15 मिनट में तय हो जाएगा। विजय नगर, जरीब चौकी, घंटाघर, माल रोड, गंगा बैराज, झाड़ी बाबा पड़ाव, विवि के पास चढऩे व उतरने की व्यवस्था होगी।

जानिए-कैसा होगा लिंक एक्सप्रेस-वे

-31 किमी लंबा लिंक एक्सप्रेस वे सिंगल पिलर पर प्रस्तावित है।

-16 सौ करोड़ रुपये निर्माण में खर्च आने का अनुमान था।

-04 लेन का यह एक्सप्रेस वे बनाने की योजना बनी थी।

-45 दिन में कंसलटेंट नामित करने को मुख्य सचिव ने कहा था।

कमेटी में शामिल अफसर : मंडलायुक्त की अध्यक्षता में गठित कमेटी में आइजी जोन, डीएम , केडीए उपाध्यक्ष, एमडी केस्को, नगर आयुक्त, सिंचाई विभाग के मुख्य अभियंता, आइआइटी सिविल डिपार्टमेंट के विभागाध्यक्ष और समग्र विकास समिति के समन्वयक को सदस्य बनाया गया था। यूपीसीडा के सीईओ इसके सदस्य सचिव नामित किए गए थे।

-शहर से होकर गुजरने वाले चार राष्ट्रीय राजमार्ग और प्रस्तावित आउटर रिंग रोड के दृष्टिगत यातायात का क्या डिस्ट्रीब्यूशन, क्या संभावना बनेगी इसका अध्ययन किया जा रहा है। -संदीप चंद्रा महाप्रबंधक, यूपीसीडा

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