कानपुर के गोविंदनगर में फ्लाईओवर बनने में फंसा पेच, जाम से अभी नहीं मिलेगी निजात
जाम से निजात दिलवाने के लिए अक्टूबर में 13 सौ मीटर लंबे फ्लाईओवर बनाने की डीपीआर तैयार कर उत्तर प्रदेश सेतु निर्माण निगम मुख्यालय लखनऊ को भेजा गया था। इसके बाद से इस डीपीआर पर कार्रवाई नहीं शुरू हो सकी।
कानपुर, जेएनएन। गोविंदनगर के फ्लाईओवर की डीपीआर में कार्रवाई ने तेजी पकड़ी तो अब स्टील की मंहगाई ने पेच फंसा दिया है। इस वजह से सेतु निगम ने नये स्टील के दाम को डीपीआर में शामिल कर मुख्यालय भेज दिया था। पिछले दो माह से पीडब्ल्यूडी प्रमुख अभियंता कार्यालय में डीपीआर की फाइल दबी हुई है। ऐसे में गोविंदनगर में स्थानीय जनता को डर है कि जाम की समस्या को खत्म करने का सपना कहीं फाइलों में ही कैद होकर ना रह जाये।
गोविंदनगर के चावला मार्केट, नंदलाल चौराहा, निरालानगर लेबर मंडी, 13 ब्लाक सब्जी मंडी में लगने वाले भीषण जाम लगता है। इससे दक्षिण क्षेत्र के पांच लाख से ज्यादा लोग प्रभावित हैं। जाम से निजात दिलवाने के लिए अक्टूबर में 13 सौ मीटर लंबे फ्लाईओवर बनाने की डीपीआर तैयार कर उत्तर प्रदेश सेतु निर्माण निगम मुख्यालय लखनऊ को भेजा गया था। इसके बाद से इस डीपीआर पर कार्रवाई नहीं शुरू हो सकी, लेकिन विभागीय अधिकारियों और जनप्रतिनिधियों की सिफारिश पर डीपीआर की जांच शुरू हुई तो पता चला कि स्टील के दाम 55 हजार टन (ट्रांसपोर्ट सहित) लिखा था। अब यह 75 हजार रुपये टन स्टील पहुंच गया है। इस पर डीपीआर को मुख्यालय से सेतु निगम कानपुर को वापस कर दिया गया था। अब दाम शामिल कर डीपीआर को दोबारा मुख्यालय भेज दिया है। उपपरियोजना प्रबंधक कैसर खान ने बताया कि फ्लाईओवर में स्टील का इस्तेमाल बहुत होता है। स्टील के दाम नये दाम को डीपीआर में शामिल कर मुख्यालय भेज दिया गया था। अब पीडब्ल्यूडी प्रमुख अभियंता के यहां डीपीआर की फाइल है। उनके हस्ताक्षर के बाद ही वित्त व्यय कमेटी की बैठक होगी।
फ्लाईओवर के बनने से पांच लाख लोगों को होगा लाभ: बर्रा दो से आठ, गोविंदनगर, निरालानगर, साकेतनगर, किदवई नगर, कर्रही, खाड़ेपुर, दबौली, रतनलालनगर, गुजैनी, मेहरबान सिंह पुरवा, तात्याटोपेनगर सहित दर्जनों मोहल्लों के पांच लाख लोगों को लाभ मिलेगा।