जवानी में लिया कर्ज और बुढ़ापे में गारंटर गिरफ्तार, ईओडब्ल्यू ने 17 साल बाद पकड़ा धोखेबाज
पंजाब एंड सिंख बैंक में धोखाधड़ी करके लोने लेने का मुकदमा अनवरगंज थाने में दर्ज हुआ था जिसकी जांच ईओडब्लू को ट्रांसफर की गई थी। जांच टीम ने बैंक से लोन लेने वाले गारंटी लेने वाले आरोपित को चमनगंज के फहीमाबाद स्थित घर से पकड़ा है।
कानपुर, जेएनएन। लाटूश रोड की पंजाब एंड सिंध बैंक से धोखाधड़ी करने वाले जालसाज को ईओडब्ल्यू ने 17 साल बाद पकड़ा है। जवानी में बैंक से कर्ज लेने वाले धोखेबाज को बुढ़ापे में गिरफ्तार किया जा सका है। बैंक में 17 वर्ष पूर्व 5.75 लाख रुपये की धोखाधड़ी व जालसाजी का मुकदमा अनवरगंज थाने में दर्ज हुआ था और आर्थिक अपराध अनुसंधान शाखा (ईओडब्ल्यू) जांच कर रही थी। इओडब्ल्यू टीम ने गुरुवार शाम आरोपित को गिरफ्तार कर लिया, जिसने लोन लेने वाले की गारंटी ली थी।
क्या था मामला
वर्ष 2010 में अनवरगंज थाने में दर्ज इस मुकदमे की विवेचना वर्ष 2011 में शासन ने ईओडब्ल्यू को सौंपी थी। वर्ष 2015 में विवेचना पूरी करके शासन को रिपोर्ट सौंपी थी। अब गिरफ्तारी की अनुमति मिली है। ईओडब्ल्यू के एसपी बाबूराम ने बताया कि अनवरगंज थाने में आठ जुलाई 2010 को पंजाब एंड सिंध बैंक के वरिष्ठ प्रबंधक प्रेमशंकर सिंह ने फहीमाबाद निवासी एजाज अहमद, उसकी पत्नी वालिया बेगम, घोसियाना निवासी शकील, फहीमाबाद निवासी कुरैश अहमद के खिलाफ धोखाधड़ी व जालसाजी कर बैंक से 5.75 लाख रुपये का लोन लेने के आरोप में मुकदमा लिखाया था। तहरीर के मुताबिक आरोपितों ने वर्ष 2004 में फर्जी सरकारी आइडी और संपत्ति के फर्जी दस्तावेज तैयार करके बैंक में लगाए और लोन हासिल कर लिया। अनवरगंज पुलिस ने विवेचना शुरू की, लेकिन बाद में शासन ने 22 सितंबर 2011 को विवेचना ईओडब्ल्यू स्थानांतरित कर दी थी।
बैंक प्रबंधक की भूमिका संदिग्ध
जांच के दौरान ईओडब्ल्यू ने लोन देने के दौरान तैनात रहे बैंक प्रबंधक नई दिल्ली के प्रीतमपुरा लोक विहार निवासी कृष्ण कुमार की भी भूमिका संदिग्ध पाई और मुकदमे में उनका नाम बढ़ाया था। इसके बाद सितंबर 2015 में विवेचना पूरी कर ईओडब्ल्यू ने रिपोर्ट शासन को सौंपी और गिरफ्तारी की अनुमति मांगी थी। दो दिन पूर्व शासन ने गिरफ्तारी की अनुमति दी है। इसके बाद गुरुवार को टीम ने एक आरोपित कुरैश अहमद को चमनगंज स्थित उसके घर से गिरफ्तार कर लिया। एसपी बाबूराम ने बताया कि तत्कालीन बैंक प्रबंधक समेत चार आरोपितों की तलाश जारी है। जल्द ही उन्हें भी गिरफ्तार कर जेल भेजा जाएगा।