कानुपर में निजी एंबुलेंस के रेट तय, ज्यादा रुपये मांगे तो चालक पर होगा मुकदमा, यहां करें शिकायत
कानपुर शहर में एंबुलेंस चालकों के अपने-अपने रेट हैं मनमाने दाम वूसली की शिकायत के बाद डीएम ने रेट तय कर दिए हैं। इसके लिए हेल्पलाइन नंबर भी जारी किए हैं जिसपर शिकायत के बाद एंबुलेंस मालिक या चालक पर कार्रवाई की जाएगी।
कानपुर, जेएनएन। कोविड संक्रमण के दौर में आपदा को अवसर बनाने में निजी एंबुलेंस चालक सबसे आगे हैं। एंबुलेंस चालकों की मनमानी को रोकने के लिए डीएम आलोक तिवारी ने एंबुलेंस की दरों को तय कर दिया है, फिर भी शहर में मनमानी का दौर चल रहा है। अपने-अपने रेट पर एंबुलेंस चलाने वाले सरकारी नियम कायदे भी नहीं मानते हैं। हैलट के बाहर तीमारदार संजय शर्मा ने जब एंबुलेंस चालक से अधिक वसूली करने की बात कही तो चालक ने दूसरी एंबुलेंस तलाश करने को कहकर वहां से चल दिया। नीचे दिए यह दो केस बानगी मात्र हैं, रोजाना मरीजों के तीमारदार कुछ इसी तरह परेशान हो रहे हैं।
केस-1 : हैलट के पास खड़ी एंबुलेंस से मरीज को पनकी तक ले जाने के लिए तीमारदार संजय शर्मा ने चालक राजेश से बात की। राजेश ने एंबुलेंस के मालिक का नंबर दे दिया। मालिक से बात हुई तो उसने डेढ़ हजार एंबुलेंस का किराया और चालक को अतिरिक्त एक हजार रुपये देने की बात कही।
केस-2 : मुरारी लाल चेस्ट अस्पताल से हैलट तक लाने के लिए नवाबगंज के आशुतोष को दो हजार रुपये देने पड़े। सरकारी एंबुलेंस को नंबर मिलाने पर काफी देर तक कोई जवाब नहीं आने पर उन्होंने प्राइवेट से संपर्क साधा। एंबुलेंस चालकों की मनमानी के चलते मरीजों को परेशान होना पड़ रहा है।
डीएम ने तय किए रेट
अब डीएम आलोक तिवारी ने रेट तय कर दिया है तो उन्होंने मनमाना रेट लेने वालों पर मुकदमा दर्ज कराने के आदेश भी दिए हैं। मनमानी करने वालों की शिकायत 112 पर करने के साथ ही नोडल अफसर के मोबाइल फोन पर भी की जा सकती है। डीएम ने अपने आदेश में कहा है कि निर्धारित दरों के अतिरिक्त ऐसे वहान जिसका उपयोग आकस्मिकता के ²ष्टिगत मरीज की जीवन सुरक्षा के लिए व्यावसायिकता के रूप में मरीज के परिवहन के लिए किया जाएगा उन पर बेसिक लाइफ सपोर्ट एंबुलेंस की अधिकतम दरें लागू होंगी। एंबुलेंस में ऑक्सीजन , चिकित्सकीय स्टाफ, अन्य सुविधा का शुल्क कॉस्ट प्राइस पर ही लेना होगा। सरकारी एंबुलेंस में कोई भी शुल्क देय नहीं होगा। इसके साथ ही कोरोना से होने वाली मौत पर शव ले जाने के लिए सरकारी एंबुलेंस पूरी तरह से निश्शुल्क मिलेगी।
यह तय हुई दरें
बेसिक लाइफ सपोर्ट एंबुलेंस : 80 किमी तक 800 रुपये और इसके आगे 10 रुपये प्रति किमी की दर से किराया होगा।
एडवांस लाइफ सपोर्ट एम्बुलेंस : 80 किमी तक 960 रुपये लिया जाएगा। इसके आगे प्रति किलोमीटर 12 रुपये अतिरिक्त लिया जाएगा।
चालक का शुल्क : अधिकतम पांच सौ रुपये प्रतिदिन आठ घंटे के लिए। आठ घंटे के उपरांत सौ रुपये प्रति घंटा अतिरिक्त लिया जाएगा।
मनमाना किराया मांगें यहां करें फोन
अगर कोई एंबुलेंस चालक मनमाना किराया वसूले तो मंडलायुक्त द्वारा बनाए गए कंट्रोल रूम में फोन कर शिकायत की जा सकती है। हर चार घंटे पर शिकायत का निस्तारण किया जाएगा। कंट्रोल रूम प्रभारी डॉ. आरके गुप्ता और एडीएम आपूर्ति आवश्यक विधिक कार्यवाही करेंगे। सरकारी एंबुलेंस चालक पैसे मांगे तो भी शिकायत कर सकते हैं।
इस नंबर पर करें शिकायत
कंट्रोल रूम : 7307420650
शव ले जाने पर सरकारी एंबुलेंस चालक नहीं ले सकते पैसा
अगर कोई सरकारी एंबुलेंस का चालक कोरोना संक्रमित का शव लेन जाने के लिए पैसे मांगे तो भी शिकायत करें। उसके विरुद्ध भी कार्रवाई की जाएगी। अपनी शिकायत इसके नोडल अधिकारी डॉ. नवनीत चौधरी को नोट करा सकते हैं।
इस नंबर पर कॉल करें
मोबाइल नंबर: 7905089305 दरें निर्धारित कर दी गई हैं। अगर निर्धारित दर से ज्यादा किसी ने शुल्क वसूला तो उसके विरुद्ध मुकदमा दर्ज कराया जाएगा। अभी शव ले जाने के लिए सरकारी एंबुलेंस चालकों ने शुल्क मांगे तो मुकदमा दर्ज कराया गया था। ऐसे ही निजी एंबुलेंस चालक अगर मनमानी करेंगे तो उन पर मुकदमा दर्ज कराया जाएगा। - आलोक तिवारी, डीएम