कानपुर के एलएलआर अस्पताल का निरीक्षण करने पहुंचे डीएम, मरीजाें से व्यवस्थाओं के बारे में किया सवाल

प्राचार्य प्रो. संजय काला ने कहा कि अस्पताल में सभी दवाएं उपलब्ध हैं इंडेंट भेजिए सभी दवाएं मिलेंगी। हालांकि विभागाध्यक्ष प्रो. यशवंत राव ने कहा कि इंडेंट भेजने पर भी नहीं मिलता है। ऐसे में डीएम ने दवाओं की उपलब्धता सुनिश्चित कराने का निर्देश दिया।

By Shaswat GuptaEdited By: Publish:Fri, 03 Sep 2021 04:39 PM (IST) Updated:Fri, 03 Sep 2021 04:39 PM (IST)
कानपुर के एलएलआर अस्पताल का निरीक्षण करने पहुंचे डीएम, मरीजाें से व्यवस्थाओं के बारे में किया सवाल
जीएसवीएम कालेज की खबर से संबंधित सांकेतिक फोटो।

कानपुर, जेएनएन। मेटरनिटी विंग के तीसरी मंजिल स्थित बाल रोग विभाग में पीडियाट्रिक इंटेंसिव केयर यूनिट (पीआइसीयू) का निरीक्षण करने जिलाधिकारी आलोक तिवारी आए थे। जब उन्होंने मरीजों से दवाएं और खाना मिलने को लेकर पूछताछ की तो लोगों ने बताया कि सामान्य दवाएं मिलती हैं, लेकिन महंगी दवाएं नहीं मिलती हैं। इस पर वहां भर्ती मरीजों ने महंगे इंजेक्शन बाहर से मंगाने की शिकायत कर दी। इस दौरान डीएम की नजर मरीज के तीमारदार के हाथ पर पड़ी। उसके हाथ में मेरोपेनम इंजेक्शन था, जो वह बाहर से खरीद कर लाए थे। डीएम के पूछते ही उन्होंने बताया कि 385 रुपये में बाहर से खरीद कर लाए हैं। इस पर डीएम ने वहां मौजूद प्राचार्य और बाल रोग विभागाध्यक्ष से सवाल जवाब करने लगे। प्राचार्य प्रो. संजय काला ने कहा कि अस्पताल में सभी दवाएं उपलब्ध हैं, इंडेंट भेजिए सभी दवाएं मिलेंगी। हालांकि विभागाध्यक्ष प्रो. यशवंत राव ने कहा कि इंडेंट भेजने पर भी नहीं मिलता है। ऐसे में डीएम ने दवाओं की उपलब्धता सुनिश्चित कराने का निर्देश दिया। इस दौरान सीएमएस डा. शुभ्रांशु शुक्ला, डा. नेहा अग्रवाल साथ रहे।

प्राचार्य और विभागाध्यक्ष से इंजेक्शन को लेकर बहस: जिलाधिकारी के निरीक्षण के दौरान महंगे इंजेक्शन बाहर से मंगवाए जाने का मामला सामने आने पर उनके जाने के बाद प्राचार्य प्रो.संजय काला ने एतराज जताया। प्राचार्य प्रो. काला ने बाल रोग विभागाध्यक्ष प्रो. यशवंत राव से कहा कि बाहर से इंजेक्शन न मंगाए जाएं। इस पर विभागाध्यक्ष प्रो. राव ने कहा कि एलएलआर अस्पताल के मेन ड्रग स्टोर में इंटेंट भेजा जाता है। ड्रग स्टोर के फार्मासिस्ट इंटेंट में मेरोपेनम  इंजेक्शन काट दिया जाता है। इसको लेकर पर प्राचार्य और विभागाध्यक्ष में कुछ बहस भी हुई। अंत में प्राचार्य ने कहा आप इंडेंट भेजिए, दवाएं आपको मिलेंगी।

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