बैंकों की मदद से कानपुर विकास प्राधिकरण में भ्रष्टाचार रोकने की तैयारी, अानलाइन होगा पूरा ब्योरा
कानपुर विकास प्राधिकरण में भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाने के लिए बैंकों की मदद ली जा रही है और संपत्तियों के मद में जमा व बकाया धनराशि का पूरा ब्योरा आनलाइन किया जा रहा है। साथ ही अवैध निर्माण रोकने के लिए भी साफ्टवेयर तैयार होगा।
कानपुर, जागरण संवाददाता। फर्जी रजिस्ट्री और अवैध निर्माण में होने वाले 'खेलÓ रोकने में बैंकें कानपुर विकास प्राधिकरण (केडीए) की मददगार बनेंगी। अब संपत्तियों के मद में एक-एक आवंटी का जमा और बकाया धनराशि का पूरा ब्योरा आनलाइन रहेगा। इससे कर्मचारी फर्जी रजिस्ट्री करने का खेल नहीं कर सकेंगे। रजिस्ट्री से पहले जमा धनराशि का पूरा लेखा-जोखा बैंक की साइट में देखा जा सकेगा। इसके अलावा अवैध निर्माण में कितनों को नोटिस दी गई, कितनों पर कार्रवाई हुई, इसे लेकर भी साफ्टवेयर तैयार किया जा रहा है।
केडीए में सक्रिय रैकेट जाली रसीदें लगाकर कई भूखंडों की फर्जी रजिस्ट्री कर चुका है। एक फर्जी रजिस्ट्री के मामले में उपाध्यक्ष ने पांच अफसरों व कर्मचारियों पर कार्रवाई भी की है। इसके साथ ही भविष्य में फर्जी रजिस्ट्री पर रोक लगाने के लिए हर आवंटी को आवंटित भूखंड को लेकर जमा की जाने वाली किस्त का पूरा ब्योरा एक जगह रहेगा। इसके लिए बाकायदा आइडी आवंटित होगी।
उसमें संपत्ति का पूरा ब्यौरा होगा। साथ ही बैंकर्स ने नगर के 200 किलोमीटर की परिधि में केडीए की योजनाओं एवं उसकी संपत्तियों का प्रचार प्रसार ई-मेल अथवा अन्य माध्यमों से किए जाने पर भी सहमति दी है। केडीए उपाध्यक्ष अरविंद सिंह ने बताया कि बैंकर्स से लगातार बातचीत चल रही है। जल्द ही इसे अमलीजामा पहनाया जाएगा।
यह भी होगी व्यवस्था
-आनलाइन सेल प्रापर्टी की व्यवस्था होगी।
-लीगल केस के लिए आनलाइन मानीटङ्क्षरग सिस्टम होगा।
-बजट कंट्रोल अलार्म सिस्टम
-अवैध निर्माण रोकने को साफ्टवेयर
-रेन वाटर हार्वेस्टिंग को लेकर सिक्योरिटी मैनेजमेंट
यह होंगे साफ्टवेयर : कस्टमाइज एकाउंटिंग एप्लीकेशन, पर्सनल इन्फारमेशन सिस्टम, आटो रिमाइंडर टू एलाटी आदि।