कानपुर: नए सत्र में आनलाइन पढ़ाई का दामन नहीं छोड़ेंगे डिग्री कालेज, जानिए प्राचार्यों का क्या है कहना
पीपीएन डिग्री कालेज के प्राचार्य डा. बीडी पांडेय ने बताया कि जब तक विश्वविद्यालय की गाइडलाइन नहीं आती है तब तक आनलाइन कक्षाएं चलती रहेंगी। आगे भी इन कक्षाओं को चलाए जाने की योजना है। डीएवी डिग्री कालेज केे प्राचार्य ने बताया कि छात्र तकनीक से पढ़ना सीख गए हैं।
कानपुर, जेएनएन। कोरोना की दूसरी लहर समाप्त होने के बाद कालेजों में नया सत्र शुरू होने जा रहा है। छात्रों के पठन-पाठन के लिए कोविड-19 गाइडलाइन का पालन करने के साथ डिग्री कालेज खोले जाएंगे, साथ ही इस बात का भी ख्याल रखा जाएगा कि कालेज न पहुंच पाने वाला छात्र इस पढ़ाई से वंचित न रह जाए। इस बात को ध्यान में रखते हुए कई डिग्री कालेज आफलाइन के साथ आनलाइन कक्षाएं भी लगाएंगे। इसके लिए उन्होंने शिक्षकों से ई-कंटेंट बनाने के लिए कह दिया है। कालेजों ने इसके निर्देश देते हुए इसी माह से इसकी शुरूआत करने के लिए कहा है।
आनलाइन कक्षाएं लगाने का कारण यह है कि कोरोना महामारी के बीच कई अभिभावक अपने बच्चों को अभी भी कालेज भेजने के मूड में नहीं हैं। ऐसा इसलिए है कि कोविड के मामले बढ़ने लगे हैं। विवि से संबद्ध शहर में 25 सहायता प्राप्त व करीब 50 स्ववित्तपोषित डिग्री कालेज हैं। कालेजों ने यह योजना बनाई है कि नियमित रूप से आफलाइन कक्षाएं चलती रहेंगी जबकि आनलाइन पढ़ाई भी जारी रहेगी। केवल उसका समय बदल दिया जाएगा। पीपीएन डिग्री कालेज के प्राचार्य डा. बीडी पांडेय ने बताया कि जब तक विश्वविद्यालय की गाइडलाइन नहीं आती है तब तक आनलाइन कक्षाएं चलती रहेंगी। आगे भी इन कक्षाओं को चलाए जाने की योजना है। डीएवी डिग्री कालेज केे प्राचार्य डा. अमित कुमार श्रीवास्तव ने बताया कि छात्र काेरोनाकाल में तकनीकी का हाथ पकड़कर चलना सीख गए हैं। उन्हें पढ़ाई के साथ नौकरी के लिए तैयार करने के लिए आनलाइन मोड में होने वाली पढ़ाई को जारी रखने का निर्णय लिया गया है। आफलाइन कक्षाएं भी लगाई जाएंगी लेकिन छात्रों के वाट्सअप गु्रप व वीडियो लेक्चर भेजने का सिलसिला भी चलता रहेगा। अगर कोरोना के मामले बढ़ते हैं तो आकस्मिक परिस्थितियों में सभी छात्रों की ऑनलाइन कक्षाएं लगाई जा सकेंगी।