Kanpur Dakhil Daftar column: हिस्सा तो हमारा भी है.., भ्रष्टाचार, तबादला और फिर थू-थू को चर्चा में आया दफ्तर

कानपुर के प्रशासनिक अमले में पर्दे के पीछे होने वाली बातों और वाक्यों को बाहर लाता है दाखिल दफ्तर कॉलम। शहर के एक महकमे में इन दिनों थू-थू को लेकर चर्चे हैं तो एक विभाग के छोटे साहब को इन दिनों सम्मोहन मंत्र की तलाश है।

By Abhishek AgnihotriEdited By: Publish:Tue, 12 Jan 2021 10:31 AM (IST) Updated:Tue, 12 Jan 2021 10:31 AM (IST)
Kanpur Dakhil Daftar column: हिस्सा तो हमारा भी है.., भ्रष्टाचार, तबादला और फिर थू-थू को चर्चा में आया दफ्तर
कानपुर में दफ्तरों की हलचल बताता है दाखिल दफ्तर कॉलम।

कानपुर, [दिग्विजय सिंह]। कानपुर प्रशासनिक अमले में कुछ ऐसे वाक्ये जो सुर्खियां नहीं बन पाते हैं लेकिन महकमे में खास चर्चा का विषय बने रहते हैं। वहीं कुछ अफसरों की कारगुजारी जो बाहर नहीं आ पाती है, ऐसे ही कुछ पर्दे के पीछे की बातों को आपके सामने लाता है हमारा दाखिल दफ्तर कॉलम...।

भ्रष्टाचार, तबादला और थू-थू

शहर के एक महकमे में इन दिनों थू-थू को लेकर चर्चे हैं। यहां अक्सर गड़बडिय़ां उजागर होने से कर्मियों पर मुकदमे दर्ज होते हैं। कुछ कर्मचारी जेल भी जा चुके हैं। एक का डिमोशन भी हुआ है। हाल ही में एक कर्मचारी का तबादला भ्रष्टाचार के मामले में ही किया गया है। अब इसको लेकर मीडिया में बार-बार खबरें आने से एक कर्मचारी नेता दुखी हैं। वे विभाग के मुखिया के पास पहुंच गए और बोले, साहब अफसरों को मीडिया में खबरें देने से मना कर दें। विभाग की बदनामी तो होती ही है, हम कर्मियों की थू- थू हो रही है। बड़े साहब ने भी उसी अंदाज में जवाब दिया। बोले, देखो भाई इसे मैं कैसे रोक सकता हूं। आप लोग छोटे से लालच में आकर नियमों से खिलवाड़ करते हो। मामला उजागर होता है तो हम कार्रवाई करते हैं। कार्रवाई होगी तो फिर थू-थू तो होती ही रहेगी।

सम्मोहन मंत्र की तलाश

भूखंड आवंटन कराने वाले एक विभाग के छोटे साहब को इन दिनों सम्मोहन मंत्र की तलाश है। वजह, वो अपने बड़े साहब से परेशान हैं। जब भी मौका मिलता है, साहब फाइलों में खामियां निकाल देते हैं। छोटे साहब के खिलाफ कार्रवाई के लिए शासन को पत्र भी भेज दिया है। इसकी जानकारी होने पर छोटे साहब ने मुख्यालय में बैठे आकाओं से मिलकर फाइल दबवा दी, लेकिन बड़े साहब फिर पैरवी न कर दें, इसका डर सता रहा है। इसीलिए वे एक ज्योतिषाचार्य के यहां पहुंच गए। पहले कुंडली दिखाई, फिर बोले गुरु जी कोई सम्मोहन मंत्र बता देते, जिससे मैं बड़े साहब को सम्मोहित कर लेता। गुरु जी ने कहा कि शनि की साढ़े साती चल रही है। इस लिए सारे दांव उल्टे पड़ रहे हैं। वक्त का इंतजार करें। झूठ बोलना और गलत काम करना बंद कर दें। छोटे साहब बोले गुरु जी ये संभव नहीं है।

हिस्सा तो हमारा भी है

गैर जनपद के एक जनप्रतिनिधि महोदय का जुमला हिस्सा तो हमारा भी है, इन दिनों खूब चर्चा में है। उनका जिले के विकास कार्यों में दखल बढ़ा तो वो खुलेआम हिस्सा मांगने से नहीं चूक रहे हैं। नेताजी के पास लंबा राजनीतिक अनुभव है। इसीलिए वे नियम-कानून कुछ ज्यादा ही जानते हैं।

जरूरत पर अफसरों को नियमों के दायरे में घेर भी लेते हैं। बड़े निर्माण कार्यों में वो अपनों को ठेका दिलाने की पूरी कोशिश भी करते हैं। ठेका किसी और को मिला तो उससे भरपूर कमीशन भी मांगते हैं। करोड़ों रुपये लागत के निर्माण से जुड़ी एक कंपनी के पास नेताजी का प्रतिनिधि पहुंचा। स्पष्ट कहा, नेता जी का हिस्सा पहुंच जाए, नहीं काम की जांच होगी। कुछ ऐसे ही कई कार्यों में नेताजी हिस्सा मांग चुके हैं। उनके बढ़ते दखल से यहां के कई जनप्रतिनिधि भी परेशान हैं, क्योंकि अधिकारी उनसे नेताजी की शिकायत कर रहे हैं।

साहब की यूनियन-यूनियन

निर्माण कार्य कराने वाले एक महकमे के साहब यूनियन-यूनियन खेलने में माहिर हैं। अधिशासी अभियंता के पद पर बैठे साहब शासन और सत्ता में भी पहुंच रखते हैं। इसीलिए साहब जहां जाते हैं, वहां कर्मचारियों की नई यूनियन पंजीकृत करा देते हैं। उसे कार्यक्रम करने के लिए पैसे देते हैं। जरूरत पडऩे पर यूनियन को खुद के पक्ष में लामबंद भी करा लेते हैं। ऐसा कई बार हो चुका है।

हाल ही में पुरानी यूनियन के पदाधिकारी, साहब के पास ज्ञापन लेकर पहुंचे तो उनकी बनवाई यूनियन के पदाधिकारी आ धमके। पुरानी यूनियन का विरोध करके साहब का कद ऊंचा कर दिया। इससे पुराने वाले दुबके हैं। साहब, पुरानी यूनियन के पदाधिकारियों का आसानी से दूसरे जिले में तबादला भी करवा देते हैं। इसमें उनकी बनवाई यूनियन के पदाधिकारी ही संबंधित की शिकायत करके मददगार बनते हैं। इसीलिए साहब के यूनियन-यूनियन के खेल में सभी ने घुटने टेक दिए हैं।

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