Cyber Fraud: कानपुर पुलिस ने बरेली में नाइजीरियन राबर्ट से की पूछताछ, छह और खातेदारों का चला पता

गणेशा इकोटेक कंपनी के खाते से 2.45 करोड़ रुपये हड़पने का मामले में कानपुर की क्राइम ब्रांच टीम ने बरेली पहुंचकर नाइजीरियन राबर्ट से पूछताछ की तो खाते में रुपये लेने वाले छह और खातेदारों की जानकारी हुई। अब खातेदारों की गिरफ्तारी की तैयारी की जा रही है।

By Abhishek AgnihotriEdited By: Publish:Mon, 20 Sep 2021 01:58 PM (IST) Updated:Mon, 20 Sep 2021 01:58 PM (IST)
Cyber Fraud: कानपुर पुलिस ने बरेली में नाइजीरियन राबर्ट से की पूछताछ, छह और खातेदारों का चला पता
गणेशा इकोटेक कंपनी से करोड़ों की ठगी का मामला।

कानपुर, जेएनएन। स्वरूप नगर स्थित गणेशा इकोटेक कंपनी के खाते से 2.45 करोड़ रुपये हड़पने के मामले में क्राइम ब्रांच की टीम बरेली जेल में बंद नाइजीरियन राबर्ट से पूछताछ करने के लिए वहां पहुंच गई है। सोमवार को कोर्ट की अनुमति लेकर आरोपित से पूछताछ की जाएगी। तब ईमेल भेजने वाले गिरोह के सरगना और खाते से निकाली गई रकम का पता लगने की उम्मीद है। इधर, पुलिस को पड़ताल के बाद छह और खातेदारों की जानकारी मिली है। उन्हेंं पकडऩे के लिए बिहार व दिल्ली पुलिस से संपर्क किया गया है।

पिछले माह गणेशा इकोटेक कंपनी के अधिकारियों ने स्वरूप नगर थाने में धोखाधड़ी व आइटी एक्ट की धाराओं में मुकदमा दर्ज कराया था। तहरीर के मुताबिक, साइबर अपराधियों ने कंपनी के अधिकारी के नाम से फर्जी ईमेल एचडीएफसी बैंक को भेजकर कंपनी के एस्क्रो खाते से 2.45 करोड़ रुपये 13 विभिन्न खातों में ट्रांसफर करा लिए थे। क्राइम ब्रांच खातों की पड़ताल में जुटी थी, तभी बरेली के फरीदपुर थाने की पुलिस ने वहां नाइजीरिया के नागरिक राबर्ट को गिरफ्तार कर जेल भेजा था। वह फरीदपुर के एक गांव में रहने वाले मेहंदी हसन और अरबाज से 80 लाख रुपये लेने पहुंचा था। जांच के दौरान पता लगा कि आरोपित ने गणेशा इकोटेक कंपनी के खाते से भी मेहंदी हसन के हरपाल नाम से खोले गए खाते में रकम भेजी थी। इसके बाद यहां क्राइम ब्रांच ने दिल्ली की एक महिला व दो युवकों को गिरफ्तार कर जेल भेजा। उनके खातों में भी रकम जमा की गई थी।

डीसीपी क्राइम सलमान ताज पाटिल ने बताया कि बरेली जेल में बंद राबर्ट से पूछताछ करने के लिए एक टीम बरेली भेजी गई है। टीम राबर्ट से यह जानने की कोशिश करेगी कि कंपनियों की ओर से बैंकों को भेजे जाने वाले ईमेल का ब्योरा उन्हेंं कैसे मिलता है। अगर बैंकों के किसी कर्मचारी की मिलीभगत सामने आती है तो उसके खिलाफ भी कार्रवाई होगी।

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