Call Center Fraud Case: कानपुर पुलिस के पास आए अमेरिकी नागरिकों के ई-मेल, बताई ठगी की पूरी कहानी

कानपुर में क्राइम ब्रांच ने काकादेव फर्जी कॉल सेंटर का पर्दाफाश करके मास्टर माइंड मोहिंद्र शर्मा और जसराज को गिरफ्तार किया था। पुलिस के कहने पर अब अमेरिकी नागरिकों ने ई-मेल पर शिकायत भेजकर पूरी घटना की जानकारी दी है।

By Abhishek AgnihotriEdited By: Publish:Sun, 25 Jul 2021 02:54 PM (IST) Updated:Sun, 25 Jul 2021 02:54 PM (IST)
Call Center Fraud Case: कानपुर पुलिस के पास आए अमेरिकी नागरिकों के ई-मेल, बताई ठगी की पूरी कहानी
कानपुर से अमेरिकियों को ठगने का मामला।

कानपुर, जेएनएन। शहर में फर्जी कॉल सेंटर के जरिए करोड़ों रुपये की ठगी करने वाले मोहिंद्र शर्मा और जसराज के कारनामे खुलते जा रहे हैं। करीब 12 हजार अमेरिकन नागरिकों से करोड़ों ठगी करने का पर्दाफाश करने वाली कानपुर पुलिस के पास अमेरिका से शिकायतों का आना शुरू हो गया है। साइबर ठगी के इस गिरोह का पर्दाफाश करने के बाद पुलिस ने ठगी के शिकार हुए अमेरिकियाें से शिकायत करने के लिए ई-मेल भेजा था।

कैसे पकड़ा गया गिरोह

कानपुर क्राइम ब्रांच की टीम ने काकादेव में संचालित एक कॉल सेंटर पर छापा मारकर संचालक कंप्यूटर इंजीनियर मोहिंद्र शर्मा समेत चार लोगों को गिरफ्तार किया था। कॉल सेंटर से मोबाइल फोन समेत कई एटीएम कार्ड और सामान बरामद किया था। पुलिस ने मोहिंद्र से पूछताछ के बाद गिरोह के मास्टर माइंड जसराज को भी गिरफ्तार किया था। वह दिल्ली से पूरे सिस्टम को हैंडल कर रहा था और ठगी की रकम अमेरिका के गेटवे के माध्यम से भारत लाता था। इसके लिए उसने कनाडियन महिला के अकाउंट का भी इस्तेमाल किया था।

इस तरह करते थे ठगी

गिरोह का वायरस अगर किसी अमेरिकी नागरिक के मोबाइल पर इंस्टाल हो जाता था तो वह इनके जाल में फंस जाता था। वायरस पर ब्लिंक करने वाले हेल्पलाइन नंबर पर कॉल करते ही अमेरिकी नागरिक का मोबाइल हैक कर लिया जाता था। इसके बाद उससे सर्विस देने के नाम पर दो से तीन सौ डॉलर लिये जाते थे और सर्विस पूरी न होने पर रकम वापसी का दवा किया जाता था। इसपर जब पीड़ित सर्विस की रकम वापिस मांगता था तो उसे मोबाइल पर ज्यादा रकम वापसी का फेक मैसेज भेज देते थे। इसके बाद उससे अधिक ट्रांसफर हुई रकम की वापसी मांग ली जाती थी, जबकि यह रकम कभी उसे मिली ही नहीं होती थी। इस तरह करीब 12 हजार अमेरिकी नागरिकों को आठ से नौ करोड़ रुपये का चूना लगाया जा चुका था। पुलिस ने गिरोह का पर्दाफाश करने के बाद अमेरिकी पीड़ितों से ई-मेल पर शिकायत मांगी थी।

पुलिस का ईमेल देख अमेरिका के पीडि़तों ने दी जानकारी

ठगी के शिकार लोगों से घटना की जानकारी हासिल करने के लिए पुलिस ने पिछले दिनों करीब ढाई सौ लोगों को ई-मेल भेजा था। शनिवार को अमेरिका निवासी दो व्यक्तियों ने ईमेल में घटना का ब्योरा लिखकर भेजा है। क्राइम ब्रांच टीम ने बताया कि अमेरिका में भारतीय दूतावास और सीबीआइ की मदद से पीडि़त लोगों से फिर संपर्क करने की कोशिश की जा रही है। सीबीआइ को पूरी घटना और पीडि़तों का ब्योरा दिया गया है। सीबीआइ इंटरपोल की मदद से पीडि़तों के बयान लेने में सहयोग करेगी।

आरोपितों के कई खातों का संचालन काफी समय से बंद

पता चला है कि आरोपितों के पांच खातों का संचालन कई माह से बंद है। उनमें 10 से 50 हजार रुपये तक हैं, लेकिन कोई ट्रांजेक्शन नहीं मिला है। इंडसइंड बैंक के कुछ खातों में ही लाखों रुपये का लेनदेन हुआ है। आरोपित रकम आने के बाद तुरंत निकाल लेते थे। यह रकम और किन खातों में भेजी जाती थी, इसका ब्योरा निकलवाया जा रहा है। साथ ही आयकर विभाग व जीएसटी विभाग से भी जानकारी मांगी गई है। आरोपित ने फर्जी आधार व पैनकार्ड कहां से बनवाए, यह भी पता लगाया जा रहा है।

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