Ambulance Rate In Kanpur: डीएम ने तय कर दिए रेट, फिर भी एंबुलेंस चालकों की मनमानी जारी
एंबुलेंस चालक नहीं मान रहे डीएम का आदेश हैलट से पनकी और उन्नाव तक जाने के लिए मांग रहे तीन से चार हजार रुपये। अधिक रुपये मांगने से तीमारदारों को मरीजों को ई-रिक्शा और अन्य वाहनों से ले जाना पड़ रहा है।
कानपुर, जेएनएन। प्रशासन की सख्ती के बाद भी एंबुलेंस चालक मरीजों व उनके स्वजन को लूट रहे हैं। न तो उनमें मानवता दिख रही है और न ही कार्रवाई का डर। उनकी ये मनमानी मरीजों का दर्द बढ़ा रही है। प्रशासन के एंबुलेंस की दरें तय करने के बाद भी तीमारदारों से अधिक रुपये मांगे जा रहे हैं। ऐसे में तीमारदार मरीजों को अन्य वाहनों से ले जाने को मजबूर हैं। किलोमीटर के हिसाब से तय दरों के स्थान पर चालक आने-जाने का पूरा किराया वसूल रहे हैं।
Case-1 : हैलट के ब्लड बैंक के पास खड़ी एंबुलेंस के चालक राजेश साहू से पनकी तक मरीज को ले जाने की बात कही गई तो उन्होंने चार हजार किराया बताया। जब उन्हें इस बात से अवगत कराया कि मरीज संक्रमित नहीं है तो उन्होंने डेढ़ हजार रुपये में जाने की बात कही। उन्हें डीएम द्वारा निर्धारित दरों के बारे में बताया गया तो उन्होंने दूसरी जगह से बुक करने की बात कहते हुए जाने को कहा।
Case-2 : हैलट के इमरजेंसी में भर्ती मीरा के निधन के बाद स्वजन ने पास ही खड़ी एंबुलेंस से शव को उन्नाव ले जाने की बात कही। चालक बबलू ने पहले तो चार हजार रुपये मांगे। स्वजन के आग्रह करने पर वो ढाई हजार तक में जाने को तैयार हुआ। स्वजन ने चालक से तय रेट से अधिक रुपये लेने की बात कही। इस पर चालक पूरे शहर में यही रेट चलने और आने व जाने का किराया शामिल होने की बात कहकर वहां से निकल गया।
डीएम ने निर्धारित किए रेट
लखनऊ के बाद शनिवार को कानपुर के डीएम ने भी निजी एंबुलेंस में किराए की दरें निर्धारित कर दी थीं। प्रशासन की सख्ती के बाद भी रविवार को तस्वीर पहले जैसी ही दिखी। बेबस मरीजों के स्वजन से मनमानी वसूली होती रही। अब चालक स्वयं रुपये की बात न करके एंबुलेंस के मालिकों के जरिए रेट तय करवा रहे हैं। इसमें तय स्थान तक जाने और आने के साथ पीपीई किट और सैनिटाइजेशन का अतिरिक्त चार्ज भी जोड़ा जा रहा है।
यह दरें हुई थीं तय
-बेसिक लाइफ सपोर्ट एंबुलेंस के लिए 80 किमी तक 800 रुपये और इसके आगे जाने का 10 रुपये प्रति किमी।
-एडवांस लाइफ सपोर्ट एंबुलेंस का 80 किमी तक का 960 रुपये। इसके आगे प्रति किमी 12 रुपये अतिरिक्त।
-चालक का शुल्क अधिकतम पांच सौ रुपये प्रतिदिन आठ घंटे के लिए। आठ से अधिक घंटे होने पर सौ रुपये प्रति घंटा। तीमारदारों से अपील है कि निजी एंबुलेंस चालक अगर मनमाना रेट लें तो वे तत्काल नोडल अधिकारी को फोन करें। निश्चित रूप से उनकी शिकायत पर कार्रवाई होगी। कर्मचारियों को लगाकर प्रशासन भी कुछ चालकों की जांच कराएगा। -आलोक तिवारी, डीएम