164 करोड़ रुपये में कानपुर शहर की फंसी 40 करोड़ लीटर जलापूर्ति, जानिए इसकी वजह
प्रस्ताव शासन में पड़ा है लेकिन अभी तक धन नहीं मिला है। पिछले दो माह में कंपनी बाग मैकराबर्टगंज सीएसए को पास रावतपुर नवीन मार्केट चुन्नीगंज समेत कई जगह पाइप में लीकेज होने से बैराज से जलापूर्ति रूक चुकी है।
कानपुर, जेएनएन। कानपुर शहर की चालीस करोड़ लीटर जलापूर्ति 164 करोड़ रुपये के चलते फंसी हुई है। जवाहर लाल नेहरू नेशनल अरबन रिन्यूवल मिशन (जेएनएनयूआरएम) के तहत घटिया डाली गयी पाइप को बदलकर लोहे का पाइप डाला जाना है। रोज घटिया पाइप फटने के कारण बैराज स्थित नए वाटर ट्रीटमेंट प्लांट से होने वाली जलापूर्ति रूक जाती है। इसको लेकर जनता में आक्रोश है।
जेएनएनयूआरएम के तहत शहर में 869 करोड़ से पेयजल योजना शुरू की गयी। वर्ष 2007 में शुरू हुई योजना 13 साल गुजर जाने के बाद भी पूरी नहीं हो पायी है। टेस्टिंग में ही जमीन में दफन भ्रष्टाचार फव्वारे के रूप में फूट रहे है। पांच साल में टेस्टिंग में आठ सौ से ज्यादा जगह लीकेज हो चुके है। पिछले दो माह से लगातार लीकेज होने के कारण सात बार बैराज बंद हो चुका है। इसके कारण दस लाख जनता को जूझना पड़ता है। घटिया पाइप और निर्माण को लेकर शासन में जांच चल रही है। जल निगम ने 15 किलोमीटर घटिया पाइप बदलने के लिए 164 करोड़ की कार्ययोजना डेढ़ साल पहले तैयार की थी। इसमें घटिया पाइप में लोहे के पाइप डाले जाएगे।
इससे सड़क नहीं खोदनी पड़ेगी। एक जगह सड़क पंचर करके पाइप डाला जा सकेगा। प्रस्ताव शासन में पड़ा है लेकिन अभी तक धन नहीं मिला है। पिछले दो माह में कंपनी बाग, मैकराबर्टगंज, सीएसए को पास, रावतपुर, नवीन मार्केट, चुन्नीगंज समेत कई जगह पाइप में लीकेज होने से बैराज से जलापूर्ति रूक चुकी है। जल निगम के अधीक्षण अभियंता रामशरण पाल ने बताया कि प्रस्ताव शासन को भेज दिया है। धन मिलते ही मुख्य पाइप में लोहे के पाइप डाले जाएंगे।