Bikru Case: उमाशंकर के खिलाफ सप्लीमेंट्री चार्जशीट दाखिल, पिछले वर्ष अक्टूबर में किया था सरेंडर

Bikru Case 14 अक्टूबर 2020 को माती की अदालत में किया था आत्मसमर्पण। दूधिया उमाशंकर दूध के केन में विकास दुबे को पहुंचाता था कारतूस। पुलिस के मुताबिक उमाशंकर सुज्जानिवादा से लेकर भीटी बिकरू दिलीपपुर तक दूध पहुंचाता था। उसका याराना गांव के जिलेदार सिंह से था।

By Shaswat GuptaEdited By: Publish:Wed, 20 Jan 2021 06:30 AM (IST) Updated:Wed, 20 Jan 2021 06:30 AM (IST)
Bikru Case: उमाशंकर के खिलाफ सप्लीमेंट्री चार्जशीट दाखिल, पिछले वर्ष अक्टूबर में किया था सरेंडर
कानपुर देहत बहुचर्चित के बिकरू कांड में दाखिल चार्जशीट की प्रतीकात्मक तस्वीर।

कानपुर, जेएनएन। बिकरू कांड में पुलिस ने सोमवार को एक और सप्लीमेंट्री चार्जशीट अदालत में दाखिल की। 14 अक्टूबर को माती कोर्ट में आत्मसमर्पण करने वाले दूधिया उमाशंकर पर आरोप लगा है कि वह दूध के केन में कारतूस भरकर विकास दुबे तक पहुंचाता था। 

बिकरू से सटे गांव सुज्जा निवादा निवासी उमाशंकर ने पुलिस की आंखों में धूल झोंककर उस समय आत्मसमर्पण कर दिया था, जब पुलिस ने माती कोर्ट घेर रखी थी। उमाशंकर सूरज उगने से पहले ही कोर्ट परिसर पहुंचा और छुपकर बैठ गया। पुलिस बाहर उसकी तलाश में पहरे पर बैठी रही। जैसे ही अदालत बैठी, उमाशंकर ने आत्मसमर्पण कर दिया। एसओ चौबेपुर कृष्णकांत राय ने बताया कि उमाशंकर से पुलिस ने जेल में पूछताछ की थी। उसे रिमांड पर भी लिया गया था। उससे पूछताछ के आधार पर ही पुलिस ने अतुल दुबे के बेटे विपुल उर्फ वितुल दुबे को बिकरू कांड का आरोपित बनाया था। पुलिस ने सोमवार को माती कोर्ट में सप्लीमेंट्री चार्जशीट दाखिल कर दी। 

जिलेदार सिंह ने मिलवाया था विकास से 

पुलिस के मुताबिक, उमाशंकर सुज्जानिवादा से लेकर भीटी, बिकरू, दिलीपपुर तक दूध पहुंचाता था। उसका याराना गांव के जिलेदार ङ्क्षसह से था। जिलेदार ङ्क्षसह प्रधान बनने के साथ व्यापार में व्यस्त हो गया तो विकास दुबे को एक विश्वसनीय आदमी की जरूरत थी। जिलेदार ङ्क्षसह ने विकास का परिचय उमाशंकर से कराया। उमाशंकर ने दूधियों की एक जमात खड़ी कर दी थी, जो दूध के केन में विकास दुबे के लिए कारतूस व छोटे असलहे लेकर उसके घर पहुंचाते थे। दूधियों का गिरोह विकास दुबे के लिए गावों में जासूसी का काम भी करता था। 

उमाशंकर की लाइसेंसी बंदूक का हुआ था इस्तेमाल 

बिकरू में दो जुलाई की रात पुलिसकर्मियों की हत्या में उमाशंकर की लाइसेंसी बंदूक का इस्तेमाल हुआ। लाइसेंसी असलहा ज्यादातर विकास दुबे के पास ही रहता था। उमाशंकर की बंदूक का लाइसेंसी निरस्त किया जा चुका है। 

विपुल पर सप्लीमेंट्री चार्जशीट और मनु पर फैसला बाकी 

बिकरू कांड को लेकर पुलिस की कानूनी कार्रवाई लगभग समाप्ति की ओर है। अब केवल विपुल उर्फ वितुल दुबे के खिलाफ सप्लीमेंटी चार्जशीट लगनी बाकी है। पुलिस ने अब तक प्रेम प्रकाश पांडेय की बहू और शशिकांत की पत्नी मनु पांडेय के भविष्य को लेकर भी कोई फैसला नहीं किया है। 

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