फतेहपुर में नगरपालिका परिषद के पूर्व चेयरमैन व भाजपा नेत्री समेत 19 पर डकैती का मुकदमा

दो दिन पहले हुई तोडफ़ोड़ के मामले में कोतवाली में पूर्व चेयरमैन अजय अवस्थी भाजपा महिला मोर्चा जिलाध्यक्षा गायत्री सिंह सहित 19 लोगों के खिलाफ डकैती का मुकदमा दर्ज किया है। पूर्व चेयरमैन का कहना है कि अधिवक्ता होने के नाते वह पैरवी करने गये थे।

By Sarash BajpaiEdited By: Publish:Tue, 19 Jan 2021 07:05 PM (IST) Updated:Tue, 19 Jan 2021 07:05 PM (IST)
फतेहपुर में नगरपालिका परिषद के पूर्व चेयरमैन व भाजपा नेत्री समेत 19 पर डकैती का मुकदमा
फतेहपुर जनपद में दर्ज किया गया भाजपा नेत्री के खिलाफ मुकदमा।

फतेहपुर, जेएनएन। शहर की विवादित दक्षिणी गौतम नगर की 3600 वर्ग फीट प्लाट में कब्जेदारी का प्रकरण तूल पकड़ता जा रहा है। रविवार को हुई तोडफ़ोड़ प्रकरण में दूसरे पक्ष से कोतवाली पुलिस ने नगरपालिका परिषद के पूर्व चेयरमैन व भाजपा महिला मोर्चा जिलाध्यक्ष समेत 19 आरोपितों पर डकैती का मुकदमा दर्ज कराया गया है। मुकदमें की विवेचना में कोतवाली पुलिस उलझी हुई है ।

शहर के गौतम नगर आइटीआइ रोड निवासी योगेश राज सिंह ने सदर कोतवाली में पूर्व चेयरमैन अजय अवस्थी, भाजपा महिला मोर्चा जिलाध्यक्षा गायत्री सिंह, इनके बेटों लाखन सिंह, अमन सिंह के साथ, वंदना मिश्रा, अजय कृष्ण मिश्र निवासी महादेवन टोला , समद निवासी पीरनपुर कोतवाली व 12 अज्ञात लोगों पर डकैती समेत कई धाराओं पर मुकदमा दर्ज कराया है। दी गई तहरीर में कहा कि व 17 जनवरी को वह अपने 3600 वर्ग फिट प्लाट की सफाई करने गए थे। वहां उसके प्लाट में रखे ईंटों को उक्त लोग चोरी कर अपने प्लाट में लगा रहे थे। विरोध करने पर असलहों से उन पर जानलेवा हमला किया और सोने की चेन गले से छीन कर जेब से 19 हजार रुपये नकद छीन लिए। इसके बाद फर्जी मुकदमें में फंसाने की धमकी भी दी थी। पीडि़त ने कहा कि उसने एक वर्ष पूर्व भी एसपी से इस मामले की शिकायत की थी। बताते चलें कि इसके पूर्व भाजपा नेत्री गायत्री सिंह ने 67 लोगों पर डकैती का मुकदमा दर्ज कराया था। शहर कोतवाल रवींद्र श्रीवास्तव का कहना था कि दोनो पक्षों से डकैती का मुकदमा दर्ज कर पूरे प्रकरण की विवेचना की जा रही है।

वह अधिवक्ता हैं, पैरोकारी में गए थे : पूर्व चेयरमैन

नगरपालिका परिषद के पूर्व चेयरमैन अजय अवस्थी एडवोकेट ने कहा कि वह अधिवक्ता हैं और वंदना मिश्रा उनकी मुअक्किल हैं और वह उनके साथ उनके सारे कागजात लेकर एसडीएम सदर से मिलने गए थे। इस पूरे प्रकरण में उनसे कोई वास्ता नहीं है। मौके पर उनके रहने के कोई प्रमाण नहीं है इसके बाद भी उनकों फंसाया जा रहा है।  

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