साइबर अपराधियों का अड्डा बनता जा रहा कानपुर का यह क्षेत्र, वेब सीरीज जामताड़ा से होने लगी तुलना

चकेरी के साइबर ठग इतने शातिर की दूसरे राज्यों के अपराधी इन्हें एटीएम लूट व एटीएम से छेड़छाड़ करने के लिए उन्हें ठेके पर बुलाते हैं। इसके लिए इन आरोपितों को रकम का 50 प्रतिशत हिस्सा दिया जाता है।

By Shaswat GuptaEdited By: Publish:Mon, 29 Nov 2021 03:13 PM (IST) Updated:Mon, 29 Nov 2021 03:13 PM (IST)
साइबर अपराधियों का अड्डा बनता जा रहा कानपुर का यह क्षेत्र, वेब सीरीज जामताड़ा से होने लगी तुलना
साइबर क्राइम की खबर से संबंधित प्रतीकात्मक फोटो।

कानपुर, जागरण संवाददाता। साइबर ठगों की वजह से झारखंड का एक छोटा सा जिला जामताड़ा बीते कुछ सालों से पूरे भारत में चर्चा का विषय बना हुआ है। यहां के साइबर ठगों पर एक वेब सीरीज (जामताड़ा- सबका नंबर आएगा) भी रिलीज हो चुकी है। जामताड़ा के बाद अब कानपुर का चकेरी क्षेत्र भी साइबर ठगों की वजह से चर्चा का विषय बन रहा है। इसकी पुष्टि इस बात से की जा सकती है कि बीते कुछ सालों से चकेरी के कई युवक बाहर के प्रदेशों में एटीएम लूट और उससे छेड़छाड़ के मामले में पकड़े जा चुके है।

दूसरे राज्यों के अपराधियों के बुलाने पर जाते हैं आरोपित: चकेरी के साइबर ठग इतने शातिर की दूसरे राज्यों के अपराधी इन्हें एटीएम लूट व एटीएम से छेड़छाड़ करने के लिए उन्हें ठेके पर बुलाते हैं। इसके लिए इन आरोपितों को रकम का 50 प्रतिशत हिस्सा दिया जाता है। इसके लिए यहां से एटीएम हैकरों का सरगना अपनी टीम के साथ बकायदा उन राज्यों में जाकर एटीएम लूट की वारदातों को अंजाम देते हैं।

किशोरों को सिखा रहे एटीएम हैकिंग: चकेरी में रहने वाले एटीएम हैकर एक किशोरों को अपने जाल में फंसा रहे है। वह पहले उन्हें अपने साथ महंगे शौक और नशा करना सिखाते है। उसके बाद जब वह उनके जाल में फंस जाते है। उन नवयुवकों को एटीएम हैकिंग का तरीका सिखाकर अपने गिरोह में शामिल करते है। जिसके बाद आरोपित उन युवकों के साथ दूसरे जिलों में जाकर एटीएम लूट का वारदातों को अंजाम देते है। जिसके बाद उन लूट का आधा हिस्सा गिरोह का सरगना अपने पास रखता है। बाकि की आधी रकम को वह अपने गिरोह के साथियों को देता है।

पुलिस और संरक्षकों को दिया जाता है हिस्सा: चकेरी के इन एटीएम लुटेरों को क्षेत्र के राजनीतिक पार्टियों से जुड़े लोग, पुलिस, मुखबिर और पत्रकारों का संरक्षण प्राप्त हैं। इसके लिए यह आरोपित इन संरक्षकों को बकायदा हर महीने एक मुश्त रकम पहुंचाते हैं। साथ ही जब वह किसी दूसरे जिले में वारदात को अंजाम देकर वापस लौटते है तो उस रकम का 20 से 25 प्रतिशत का हिस्सा भी इन संरक्षकों के पास जाता है। इसके एवज में एटीएम लुटेरों को संरक्षण देने वाले यह लोग उन्हें स्थानीय पुलिस से तो बचाते हैं। साथ ही जब कभी दूसरे जिलों और राज्यों की पुलिस आरोपितों को पकड़ने आती है तो इसकी भी जानकारी दी जाती है।

300 से ज्यादा एटीएम हैंकर है सक्रिय: चकेरी स्थित अहरिवां, एचएएल कालोनी, पटेल नगर, विमान नगर, गांधीग्राम, कृष्णा नगर, श्याम नगर, सनिगवां आदि स्थानों पर 300 से अधिक एटीएम हैकर सक्रिय है। यहां रहने वाले हैकरों को पश्चिम बंगाल, महाराष्ट्र, दिल्ली, उत्तराखंड, पंजाब, हरियाणा, झारखंड आदि राज्यों की पुलिस भी पकड़ने के लिए आ चुकी है। जिनमें से मेहूल द्विवेदी, प्रशांत उर्फ राजू, कुलदीप पाल, यश वर्धन, राज वर्धन, संदीप सिंह भदौरिया, संजय केसरवानी उर्फ कल्लू केला नीरज मिश्रा, आकाश मिश्रा उर्फ मुक्कू, रविकांत, कपिल, आकाश भार्गव,मोहित, राजीव यादव व अभिषेक आदि आरोपित संक्रिय है।

वेब सीरीज की तरह मुठभेड़ में पकड़ा गया आरोपित: जिस तरह जामताड़ा वेबसीरीज में आरोपित नवयुवकों को एटीएम हैकिंग सीखाते हुए दिखाए गए है। उसी तरह चकेरी में रहने वाले एटीएम हैकर बच्चों को माइंड वाश कर उन्हें हैकिंग सीखा रहे हैं। इतना ही नहीं जिस तरह वेब सीरीज में दिखाया गया है कि पुलिस किशोरों को एटीएम हैकिंग सीखने वाले आरोपित को मुठभेड़ के बाद गिरफ्तार करती है। उसी तरह चकेरी थाने के पूर्व प्रभारी अजय सेठ ने वर्ष 2018 में मेहूल द्विवेदी को मुठभेड़ के बाद गिरफ्तार किया था।

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