कानपुर: आखिर क्यों बिल्हौर-घाटमपुर के वकीलों ने मनाया ब्लैक डे, यहां जानिए मुख्य वजह
बिल्हौर घाटमपुर न्यायिक क्षेत्राधिकार वापस लाओ संघर्ष समिति के संयोजक रवींद्र शर्मा ने बताया कि वर्ष 2013 में 20 जुलाई को कानपुर नगर की तहसील बिल्हौर एवं घाटमपुर न्यायिक क्षेत्राधिकार को अचानक माती कानपुर देहात भेज दिया गया था।
कानपुर, जेएनएन। वकीलों ने 20 जुलाई को ब्लैक डे के रूप में मनाया। वर्ष 2013 में इसी तरीख को देहात कचहरी को माती स्थानांतरित कर दिया गया था। इसके साथ ही बिल्हौर घाटमपुर का न्यायिक क्षेत्राधिकार भी देहात में सम्मिलित कर लिया गया था जबकि इसका प्रशासनिक क्षेत्राधिकार नगर में है। मंगलवार को इसी मुद्दे पर वकीलों ने 20 जुलाई को सैड डे कहते हुए ब्लैक डे मनाया। प्रदर्शन व नारेबाजी करते हुए दो साल पहले जारी हुए गजट को लागू करने की मांग की।
बिल्हौर घाटमपुर न्यायिक क्षेत्राधिकार वापस लाओ संघर्ष समिति के संयोजक रवींद्र शर्मा ने बताया कि वर्ष 2013 में 20 जुलाई को कानपुर नगर की तहसील बिल्हौर एवं घाटमपुर न्यायिक क्षेत्राधिकार को अचानक माती कानपुर देहात भेज दिया गया था। तभी से संघर्ष समिति और दोनों तहसीलों की जनता 20 जुलाई को काले दिवस के रूप में मनाते चले आ रहे है। यद्यपि दोनों तहसीलों के न्यायिक क्षेत्राधिकार की नगर वापसी हेतु निरंतर छह वर्षों तक चले संघर्ष को वादकारी का हित सर्वोच्च सिद्धांत के अंतर्गत पाते हुए सरकार की संस्तुति पर प्रदेश के महामहिम राज्यपाल ने उच्च न्यायालय इलाहाबाद से राय मशविरा कर 14 जून 2019 को दोनों तहसीलों के न्यायिक क्षेत्राधिकार को माती कानपुर देहात से वापस कानपुर नगर में जोड़े जाने का गजट (अधिसूचना) जारी कर दिया था। किन्तु अभी तक गजट का क्रियान्वयन नहीं हुआ। जब तक गजट का क्रियान्वयन करा दोनों तहसीलों के मुकदमों की पत्रावलियों को वापस कानपुर नगर न्यायालय नहीं भेजा जाता तब तक हम 20 जुलाई को काले दिन के रूप में मनाते रहेंगे गजट के शीघ्र क्रियान्वन हेतु मुख्यमंत्री सहित प्रशासनिक न्यायाधीश महोदय को पत्र भेजा गया है। प्रमुख रूप से बीएल गुप्ता अध्यक्ष इनकम टैक्स, गुरमीत सिंह अध्यक्ष उपभोक्ता बार, एसके सचान, पीके पांडेय, सर्वेश त्रिपाठी, जफरुल्ला खा, विजय सागर, यशी द्विवेदी, प्रीती त्रिपाठी, राधा, आशुतोष शुक्ला, टीनू, अनिल बाबू, नवनीत पांडे, सुभाष द्विवेदी, संजीव कपूर, अंकुर गोयल, राकेश सिद्धार्थ, सतीश त्रिपाठी, मो जावेद, प्रणवीर सिंह, सरबजीत सिंह, पीके चतुर्वेदी, अंसार अहमद, केके यादव आदि रहे।