Right To Education: शिक्षा का अधिकार देने में कानपुर फिसड्डी, 6078 आवेदनों में 1625 को ही मिला दाखिला
शासन के निर्देश के बवजूद कानपुर शहर में शिक्षा विभाग के अफसर शिक्षा का अधिकार अधिनियम में लापरवाही दिखा रहे हैं और अभी तक 6078 आवेदनों में 1625 ही गरीब बच्चों को निजी स्कूलों में दाखिला दिलाया जा सका है।
कानपुर, जेएनएन। शिक्षा का अधिकार अधिनियम शहर में दिखावा साबित हो रहा है, आंकड़ों पर नजर डालें तो आवेदन के सापेक्ष गरीब बच्चों को स्कूल में दाखिला दिलाने में विभाग फिसड्डी साबित हुआ है। शासन के निर्देश हैं कि बेसिक शिक्षा विभाग के अफसर गरीब बच्चों का दाखिल निजी स्कूल में कराने में अहम जिम्मेदारी निभाएं। लेकिन, दूसरी ओर शहर में हालात बद से बदतर हो गए हैं। विभागीय आंकड़े ही इस बात चुगली कर रहे हैं।
शासन से शिक्षा का अधिकार अधिनियम के तहत प्रवेश को लेकर दिशा-निर्देश जारी हुए थे, तब अफसरों ने खूब हो-हल्ला मचाकर दावा किया था, कि प्रवेश की संख्या पांच हजार के आसपास होगी। तीन अलग-अलग चरणों में कुल आवेदन तो 6078 आए, हालांकि अबतक महज 1625 बच्चों को ही दाखिला मिल सका है। विभाग की ओर से जो रिपोर्ट तैयार की गई है, उसमें आंकड़े बताते हैं कि किदवई नगर विकासखंड में सबसे अधिक 2806 आवेदन पत्र मिले थे। मगर, निराशाजनक स्थिति यह है कि केवल 596 बच्चों को ही प्रवेश मिल सका।
विकास खंडवार आंकड़े दे रहे गवाही
विकास खंड- बच्चों को प्रवेश मिला
भीतरगांव 10
बिधनू 10
बिल्हौर 00
चौबेपुर 08
घाटमपुर 09
कल्याणपुर 15
पतारा 03
सरसौल 02
शिवराजपुर 14
किदवईनगर 596
प्रेमनगर 212
शास्त्री नगर 431
सदर बाजार 315
पहले चरण में कुल आवेदन आए: 3525
कुल बच्चों को प्रवेश मिल सका: 923
दूसरे चरण में कुल आवेदन आए: 1985
कुल बच्चों को प्रवेश मिल सका: 517
तीसरे चरण में कुल आवेदन आए: 568
तीसरे चरण में कुल प्रवेश मिल सका: 185
तीनों चरणों को मिलाकर कुल आवेदन मिले: 6078
कुल अभिभावकों को आवंटन पत्र वितरित किए गए: 4191
कुल स्कूलों को आवंटन पत्र वितरित किए गए: 5768
-कई अभिभावक ऐसे हैं, जो हर साल आवेदन तो कर देते हैं। हालांकि तमाम कारणों से वह बच्चों को प्रवेश नहीं दिलाते। इस सत्र में कोरोना महामारी के चलते भी कई अभिभावकों ने आवेदन के बाद दाखिला नहीं दिलाया। हालांकि, लगातार प्रवेश कराए जा रहे हैं। -डा.पवन तिवारी, बीएसए