कानपुर बार एसोसिएशन के चुनाव से आज छटेंगे संशय के बादल, तय हो सकता है एल्डर्स कमेटी का भविष्य

एल्डर्स कमेटी ने 18 नवंबर 2021 को चुनाव कार्यक्रम रूपरेखा तय कर दी थी। तय हुआ था कि 17 दिसंबर को चुनाव दीवानी न्यायालय परिसर में होगा। इसकी अधिकारिक घोषणा भी एक दो दिन में होनी थी लेकिन अभी तक अधिकारिक घोषणा नहीं की गई।

By Shaswat GuptaEdited By: Publish:Wed, 24 Nov 2021 01:07 PM (IST) Updated:Wed, 24 Nov 2021 01:07 PM (IST)
कानपुर बार एसोसिएशन के चुनाव से आज छटेंगे संशय के बादल, तय हो सकता है एल्डर्स कमेटी का भविष्य
चुनाव की तारीख बढ़ाने को लेकर चल रही चर्चा। प्रतीकात्मक फोटों।

कानपुर, जागरण संवाददाता। बार एसोसिएशन चुनाव की रूपरेखा तय हो चुकी है लेकिन चुनाव समय पर होगा इसे लेकर संशय है। बुधवार को इस पर तस्वीर साफ होगी। चेयरमैन का इस्तीफा स्वीकार हो गया तो नई एल्डर्स कमेटी का गठन होगा।

एल्डर्स कमेटी ने 18 नवंबर 2021 को चुनाव कार्यक्रम रूपरेखा तय कर दी थी। तय हुआ था कि 17 दिसंबर को चुनाव दीवानी न्यायालय परिसर में होगा। इसकी अधिकारिक घोषणा भी एक दो दिन में होनी थी लेकिन अभी तक अधिकारिक घोषणा नहीं की गई। चुनाव प्रबंधन के लिए दो वरिष्ठ सदस्यों को मनोनीत किया गया था लेकिन जब उन्हें जिम्मेदारी देने के लिए आदेश तैयार किया गया तो इसे लेकर एल्डर्स कमेटी में विवाद के स्वर उठने लगे। जिसके बाद एल्डर्स कमेटी के चेयरमैन धर्मवीर सिंह गौर ने इस्तीफा भेज दिया हालांकि उन्होंने इसका कारण स्वास्थ्य बताया है। एल्डर्स कमेटी के सदस्य उन्हें मनाने में जुटे हैं।

बुधवार को इस पर कोई निर्णय आने की संभावना है। उधर, चुनाव कार्यक्रम की अधिकारिक घोषणा न होने से इसमें बदलाव के संकेत मिल रहे हैं। जिम्मेदार बताते हैं कि तिथि में परिवर्तन हो सकता है। ऐसे में दावेदार प्रत्याशियों में असमंजस की स्थिति पैदा हो गई है। कचहरी में तेजी से चल रहा चुनाव प्रचार अब पुन: धीमा हो गया है। क्योंकि चुनाव लंबा खिंचा तो इसका असर प्रत्याशी पर पडऩा तय है।

बता दें बार एसोसिएशन में 5733 सदस्यों का सदस्यता शुल्क दिसंबर तक का जमा है। ऐसे में चुनाव दिसंबर तक नहीं हुए तो फिर संकट खड़ा हो जाएगा। माडल बाइलाज के नियम के मुताबिक यदि चुनाव जनवरी या फिर इससे आगे बढ़ाए गए तो सभी सदस्यों को अपना सदस्यता शुल्क जमा कराना होगा जबकि कचहरी में सब जानते हैं कि अधिकतर अधिवक्ता अपना सदस्यता शुल्क नहीं जमा करते। बिना पूर्ण शुल्क जमा किए हुए सदस्य मतदान नहीं कर सकते हैं ऐसे में भार प्रत्याशियों पर पड़ेगा। महामंत्री राकेश तिवारी ने कहा कि बुधवार को तस्वीर साफ हो जाएगी।

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