JNNURM Kanpur: 11 साल बाद पाइप डालने का काम शुरू, 50 हजार की आबादी को मिलेगा पानी
जवाहर लाल नेहरू नेशनल अरबन रिन्यूवल मिशन के तहत गड़रिया मोहाल में 11 साल पहले पानी की टंकी बनी थी लेकिन जलापूर्ति आजतक शुरू नहीं हो पाई थी। अब पाइप लाइन बिछाने का काम शुरू होने से जनता को पानी मिलने की आस जगी है।
कानपुर, जेएनएन। जवाहर लाल नेहरू नेशनल अरबन रिन्यूवल मिशन (जेएनएनयूआरएम) की पेयजल योजना में 11 साल पहले गड़रिया मोहाल में बनी पानी की टंकी दिखावा बनकर रह गई है। टंकी बना दी, लेकिन घर तक पहुंचने का पाइप नहीं डाला। अब सपा विधायक ने अपनी निधि से घर तक पानी पहुंचाने की टंकी से जलकल की लाइन से जोडऩे के लिए शनिवार को पाइप डालने का काम चालू कराया। इससे 50 हजार आबादी को पानी मिलेगा।
जेएनएनयूआरएम योजना के तहत 2010 में मालवीय पार्क गड़रिया मोहाल में टंकी का निर्माण कराया गया था। इसको बैराज के वाटर ट्रीटमेंट प्लांट से जोड़ दिया गया, लेकिन घर तक पानी पहुंचाने के लिए पाइप नहीं डाले। सपा विधायक अमिताभ बाजपेई ने शनिवार को अपनी निधि के 12 लाख रुपये से सवा सौ मीटर पाइप टंकी से जोड़कर जलकल की लाइन से जोडऩे का काम शुरू कराया। विधायक ने बताया कि जलकल की लाइन से पाइप जुड़ जाने से घरों तक पानी पहुंचने लगेगा। पार्षद अमित मेहरोत्रा, पप्पन शर्मा, नंदलाल जायसवाल, राकेश पांडेय मौजूद रहे।
दो साल से लटका घटिया पाइप बदलने का प्रस्ताव
घटिया पाइप दुरुस्त करने का प्रस्ताव जल निगम ने दो साल पहले बनाकर भेजा था, लेकिन अभी तक फाइल शासन में दौड़ रही है। 15 किमी घटिया पाइप न बदले जाने के कारण 40 करोड़ लीटर जलापूर्ति फंसी हुई है। लीकेज पाइपों के सहारे सिर्फ छह करोड़ लीटर ही जलापूर्ति हो पा रही है। इसमें भी एक से डेढ़ करोड़ लीटर पानी लीकेज में बह जाता है। घटिया पाइपों की सप्लाई करने वाली कंपनी दोशियान को ब्लैक लिस्टेड करने के साथ छह करोड़ रुपये जमानती धनराशि भी जब्त कर ली गई थी। इसके बाद जांच ही होती रही। पानी न मिलने से जनता का आक्रोश भी बढऩे लगा है। शासन ने दोषी 24 अभियंताओं पर मुकदमा तो दर्ज करा दिया, लेकिन न तो किसी का वेतन रोका गया और न ही पेंशन।
घटिया पाइप को बदलने के लिए जल निगम के तत्कालीन अधीक्षण अभियंता रामशरण पाल ने दो साल पहले शासन को प्रस्ताव भेजा था कि कंपनी बाग से फूलबाग और कंपनी बाग से रावतपुर होते हुए शास्त्री चौक तक 15 किमी तक पड़े घटिया पाइप बदलकर लोहे के पाइप डाले जाएं। इसके लिए 164 करोड़ का प्रस्ताव तैयार करके शासन को भेजा। शासन ने धन न होने के कारण प्रस्ताव वापस भेज दिया। अब 95 करोड़ से पाइपों में लैमिनेशन कराने का प्रस्ताव शासन को भेजा गया है, लेकिन अभी तक कोई दिशा-निर्देश नहीं मिला है। आठ फरवरी 2021 को शहर आगमन के दौरान नगर विकास मंत्री आशुतोष टंडन के समक्ष भी शहर के टूटी पाइपों का मामला रखा गया था। महापौर प्रमिला पांडेय ने बताया कि वह नगर विकास मंत्री से मिलकर शहर की जलापूर्ति चालू करने की बात करेंगी। 15 किमी घटिया पाइप बदल जाए तो शहरवासियों को पीने का पानी मिलने लगे।