Bikru Case : जय बाजपेयी के पासपोर्ट मुकदमे में पुलिस ने हटाई संगीन धाराएं, बी वारंट से सामने आई सच्चाई
21 नवंबर 2020 को नजीराबाद थाने में जय के खिलाफ धोखाधड़ी जालसाजी (कूटरचना) और पासपोर्ट अधिनियम के तहत मुकदमा दर्ज हुआ था। मगर पिछले दिनों सीजेएम कोर्ट द्वारा जारी जय के बी वारंट में इस मुकदमे से संबंधित केवल धोखाधड़ी और पासपोर्ट अधिनियम का जिक्र किया
कानपुर, जेएनएन। फर्जी दस्तावेज से पासपोर्ट हासिल करने के मामले में गैंगस्टर विकास दुबे के खजांची जय बाजपेयी को बड़ी राहत मिल गई है। पुलिस ने जांच के दौरान उसके खिलाफ इस प्रकरण में दर्ज मुकदमें में पासपोर्ट बनाने में जालसाजी के आरोपों से जुड़ी धाराएं हटा ली हैं। जो धाराएं हटाई गई हैं, वह बेहद संगीन हैं। हालांकि थाने की पुलिस का दावा है कि अभी धाराएं नहीं हटाई हैं, लेकिन सीजेएम कोर्ट द्वारा जारी बी वारंट में धाराएं हटाने की बात स्पष्ट हो रही है।
बिकरू कांड में गठित एसआइटी की संस्तुति के आधार पर 21 नवंबर 2020 को नजीराबाद थाने में जय के खिलाफ धोखाधड़ी, जालसाजी (कूटरचना) और पासपोर्ट अधिनियम के तहत मुकदमा दर्ज हुआ था। मगर, पिछले दिनों सीजेएम कोर्ट द्वारा जारी जय के बी वारंट में इस मुकदमे से संबंधित केवल धोखाधड़ी और पासपोर्ट अधिनियम का जिक्र किया है जबकि आइपीसी की जालसाजी की धाराएं 467, 468, 471 हटा ली हैैं जबकि खास बात यह है कि धारा 467 में आजीवन कारावास तक की सजा है। इन धाराओं के हटाने के बाद उसे जमानत मिलने में आसानी रहेगी। हालांकि इंस्पेक्टर नजीराबाद ज्ञान का कहना है कि उन्हेंं धाराएं हटाने की जानकारी नहीं है, जबकि जय के अधिवक्ता शिवाकांत दीक्षित ने बताया कि वह लगातार कह रहे हैं कि पासपोर्ट बनने में कोई कूटरचना नहीं की गई। ऐसे में पुलिस ने न्याय किया है।