शादी पार्टी का कर रहे हैं नगद भुगतान तो थोड़ा रुकिए! इससे ज्यादा पेमेंट पर देना होगा पैन नंबर, जानिए और कहां होती है जरूरत

शादी विवाह का मौसम चल रहा है। ऐसे में पार्टी का पेमेंट 50 हजार से ज्यादा करने पर आपको पैन कार्ड लगाना पड़ सकता है। आज हम आपको बता रहे हैं कि पैन कार्ड की आवश्यकता हमें कहां-कहां पड़ती है।

By Abhishek AgnihotriEdited By: Publish:Tue, 30 Nov 2021 05:41 PM (IST) Updated:Tue, 30 Nov 2021 05:41 PM (IST)
शादी पार्टी का कर रहे हैं नगद भुगतान तो थोड़ा रुकिए! इससे ज्यादा पेमेंट पर देना होगा पैन नंबर, जानिए और कहां होती है जरूरत
आयकर विभाग ने पैन कार्ड कई जगह अनिवार्य कर दिया गया है।

कानपुर, जागरण संवाददाता। सहालग का दौर है और रोज ही शहर में कई सौ शादियां होती हैं। इसके अलावा वैवाहिक समारोह के पूर्व और उसके बाद की पार्टियां भी चल रही हैं। ऐसे में यह बात ध्यान रखें कि किसी होटल, रेस्टोरेंट या बैंक्वेट में बिल का नगद भुगतान यदि 50 हजार रुपये से ऊपर होता है तो आपको अपना पैन नंबर भी बताना होगा। आयकर विभाग ने इसे अनिवार्य किया हुआ है। इस तरह के लेनदेन को पैन की अनिवार्यता वाले लेनदेन में माना जाता है।

टैक्स सलाहकार संतोष गुप्ता के मुताबिक कई तरह के लेनदेन में पैन को अनिवार्य किया गया है। हम कुछ ही चीजों की जानकारी रखते हैं बाकी को भूल जाते हैं। इसलिए सभी चीजों को जानना चाहिए कि कहां-कहां पैन नंबर बताना है।

इस तरह के लेनदेन में बतानी होती है पैन की संख्या चार पहिया वाहन खरीदते या बेचते समय पैन संख्या अनिवार्य रूप से बतानी होगी।  बैंक में बचत खाता खोलते समय पैन संख्या देनी होगी। डेबिट या क्रेडिट कार्ड लेने के लिए पैन नंबर बताना होगा। शेयर या प्रतिभूतियों की खरीद के लिए डी-मैट अकाउंट में पैन संख्या देना जरूरी है। होटल या रेस्टोरेंट में पचास हजार से अधिक नगद भुगतान किया जा रहा हो तब पैन संख्या देनी होगी। रिजर्व बैंक द्वारा जारी किए गए 50 हजार रुपये से अधिक के बांड पर पैन संख्या बतानी होगी। बैंकों में 50 हजार से अधिक नगद जमा करने पर पैन संख्या लिखनी अनिवार्य है। बैंकों, कोआपरेटिव बैंक, पोस्ट आफिस में नगद भुगतान कर 50 हजार से अधिक के बैंक ड्राफ्ट या पे-आर्डर बनवाने पर पैन संख्या अनिवार्य होगी। बैंकों एवं कोआपरेटिव सोसायटी से एक बार में 50 हजार या वित्तीय वर्ष में पांच लाख से अधिक के सा‌वधि जमा पर पैन संख्या देनी होगी। वित्तीय वर्ष में बीमा का प्रीमियम 50 हजार से अधिक होने पर पैन संख्या देना अनिवार्य है। शेयर के अलावा किसी अन्य प्रतिभूतियों की खरीद-बिकी एक लाख होने पर पैन संख्या बतानी होगी।

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