कानपुर: इस्लाम के तीसरे खलीफा की याद में मनाया जलसा, वक्ताओं ने हजरत उस्मान के जीवन परिचय पर डाला प्रकाश
तंजीम बरेलवी उलमा अहले सुन्नत ने बेगमपुरवा में यौम-ए-उस्मान गनी मनाया। मुफ्ती अनवारुल हक कादरी ने कहा कि हजरत उस्मान गनी की शहादत अरबी महीने जिलहिज्जा में हुई। उन्होंने लगभग 12 साल खिलाफत की। उनकी मजार मदीना शरीफ में है।
कानपुर, जेएनएन। इस्लाम के तीसरे खलीफा हजरत उस्मान की याद में यौम-ए-उस्मान गनी मनाया गया। इस दौरान कई जगहों पर जलसे आयोजित किए गए। मदरसा अरबिया रज्जाकिया मदीनतुल उलूम, बांसमंडी में हुए जलसे को संबोधित करते हुए मुफ्ती हनीफ बरकाती ने हजरत उस्मान गनी के जीवन पर प्रकाश डाला। शहरकाजी मुफ्ती साकिब अदीब, हाफिज अब्दुल रहीम बहराइची, मौलाना फिरोज आदि मौजूद रहे। तंजीम बरेलवी उलमा अहले सुन्नत ने बेगमपुरवा में यौम-ए-उस्मान गनी मनाया। मुफ्ती अनवारुल हक कादरी ने कहा कि हजरत उस्मान गनी की शहादत अरबी महीने जिलहिज्जा में हुई। उन्होंने लगभग 12 साल खिलाफत की। उनकी मजार मदीना शरीफ में है। जलसे में हाफिज फैसल जाफरी, हाफिज सगीर, हाफिज मुशीर आदि थे। आल इंडिया गरीब नवाज काउंसिल ने गद्दियाना स्थित मदरसे में जलसा आयोजित किया। काउंसिल के राष्ट्रीय अध्यक्ष मौलाना हाशिम अशरफी ने कहा कि हजरत उस्मान गनी ने कुआं खरीद कर मदीना के मुस्लिमों को दान किया था। वह कुआं आज भी मौजूद हैं। हजरत उस्मान की शहादत 82 साल की उम्र में हुई। जलसे में हाफिज आजाद अशरफी, मौलाना फतेह मोहम्मद कादरी, मौलाना हस्सान महमूद, मौलाना कासिम अशरफी, शफीक अहमद आदि रहे।