ईओडब्ल्यू पहुंची इन्फोकेयर ग्रुप अॉफ कंपनी के खिलाफ मुकदमे की जांच, सात नवंबर को कानपुर में दर्ज हुआ था मुकदमा
सात नवंबर 2018 को महाराजपुर निवासी एजेंट ने दर्ज कराया था मुकदमा। प्रलोभन देकर कंपनी के निदेशकों ने ग्राहकों के करोड़ों रुपये जमा कराए थे। इसके बाद हमीरपुर सहारनपुर लखनऊ कानपुर यमुनानगर (हरियाणा) आदि जिलों में मुकदमे भी दर्ज हुए थे लेकिन निदेशकों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं हुई।
कानपुर, जेएनएन। ग्राहकों के करोड़ों रुपये समेटकर भागी इन्फोकेयर ग्रुप अॉफ कंपनी के खिलाफ मुकदमे की जांच आर्थिक अपराध अनुसंधान शाखा (ईओडब्ल्यू) स्थानांतरित हो गई है। टीम दस्तावेजों की जांच में जुटी है। जल्द कंपनी निदेशकों के खिलाफ शिकंजा कसने की उम्मीद है।
महाराजपुर थानाक्षेत्र के पुरवामीर निवासी कुलदीप कुमार ने सात नवंबर 2019 को न्यायालय के आदेश पर मुकदमा दर्ज कराया था। इसमें इन्फोकेयर ग्रुप अॉफ कंपनी के निदेशक हरीश चटर्जी स्ट्रीट कोलकाता निवासी कौशिक पात्रा, पार्क स्ट्रीट कामधेनु बिल्डिंग कोलकाता निवासी सुरेश रेड्डी, अभिजीत चक्रवर्ती व पार्क रोड हजरतगंज लखनऊ निवासी आलोक सिंह को नामजद कराया था। तहरीर के मुताबिक कुलदीप इन्फोकेयर कंपनी में अभिकर्ता (एजेंट) थे। कंपनी के दफ्तर विभिन्न शहरों में खुले थे। निदेशक कंपनी के निवेशकों को ही प्रलोभन देकर एजेंट बनाते थे और उनकी मदद से अन्य निवेशकों का पैसा जमा कराते थे। कुलदीप ने कंपनी में करीब 18 लाख रुपये और अन्य सहयोगियों ने निवेशकों के 1.20 करोड़ रुपये जमा कराए थे, लेकिन परिपक्वता अवधि पूरी होने पर आरोपितों ने ग्राहकों की रकम नहीं लौटाई और दफ्तर बंद कर दिए। इसके बाद हमीरपुर, सहारनपुर, लखनऊ, कानपुर, यमुनानगर (हरियाणा) आदि जिलों में मुकदमे भी दर्ज हुए थे, लेकिन निदेशकों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं हुई।
मुकदमा दर्ज कर महाराजपुर पुलिस ने जांच शुरू की थी, लेकिन धोखाधड़ी की रकम काफी ज्यादा होने के कारण इसे ईओडब्ल्यू स्थानांतरित करने की संस्तुति की गई थी। पिछले दिनों शासन ने विवेचना ईओडब्ल्यू को सौंप दी। एसपी ईओडब्ल्यू बाबूराम ने बताया कि इन्फोकेयर ग्रुप अॉफ कंपनी के खिलाफ दर्ज मुकदमे की विवेचना शुरू की गई है। थाना पुलिस से दस्तावेज मांगे गए हैं। जल्द एजेंटों के बयान कराए जाएंगे। इसके बाद आरोपितों के खिलाफ कार्रवाई होगी।