फर्रूखाबाद में पहली बार नाव पर बैठकर ससुराल पहुंची दुल्हन, जानिए इस शादी की दिलचस्प कहानी
गांव जाने के सभी रास्ते बंद हैं। स्थानीय लोग तैरकर या पानी के बीच से गांवों तक पहुंचते हैं लेकिन नए व्यक्ति के लिए गांव पहुंचना आसान नहीं है। गंगा के पानी से घिरे गांव पंखियन की मड़ैया निवासी मुनीश अहमद की बरात सोमवार को जब गई थी
फर्रूखाबाद, जेएनएन। गंगा में आई बाढ़ के कारण पहली बार ससुराल आई दुल्हन को भी मुसीबत का सामना करना पड़ा। दूल्हा और दुल्हन को करीब डेढ़ घंटे तक नाव का इंतजार करना पड़ा। इसके बाद दोनों अपने घर पहुंच सके। इस दौरान काफी दूर तक पैदल भी चले। वहीं, बराती दहेज में मिले सामान को सिर पर रखकर पानी के बीच से गुजरे।
फर्रुखाबाद जिले में कई गांव इस वक्त गंगा में आई बाढ़ के पानी से घिरे हैं। गांव जाने के सभी रास्ते बंद हैं। स्थानीय लोग तैरकर या पानी के बीच से गांवों तक पहुंचते हैं, लेकिन नए व्यक्ति के लिए गांव पहुंचना आसान नहीं है। गंगा के पानी से घिरे गांव पंखियन की मड़ैया निवासी मुनीश अहमद की बरात सोमवार को जब गई थी तो उन्हें खुद नेकर पहनकर जाना पड़ा था। उन्नाव जिले के शुक्लागंज से मंगलवार तड़के बरात लौटी तो पहली बार ससुराल आई दुल्हन अलसिफा और दूल्हे मुनीश को नाव के लिए डेढ़ घंटे गांव के बाहर ही इंतजार करना पड़ा। वह कार से बिलावलपुर की पुलिया तक पहुंच गए, लेकिन आगे पानी भरे होने से रुकना पड़ा। मुनीश के पिता यासीन मोहम्मद बरातियों के साथ दहेज में मिला सामान सिर पर रखकर पैदल ही पानी के बीच से होकर घर पहुंचे।
दूल्हा-दुल्हन परिवार की अन्य महिलाओं के साथ नाव का इंतजार करते रहे। ग्राम प्रधान शहनाज के पति शाहिद अली ने नाव मंगाकर दूल्हा-दुल्हन को पुलिया पार कराई। उसके बाद दोनों को काफी दूर तक पैदल चले, फिर दूसरी नाव पर बैठकर गांव पंखियन की मड़ैया तक पहुंचे। मुनीश ने बताया कि वह हर साल बाढ़ से आने वाली दिक्कत का सामना करते हैं। दुल्हन अलसिफा ने कहा कि उसकी बड़ी बहन नईमा भी मुनीश के बड़े भाई मुस्तकीम के साथ ब्याही है। वह पहले भी यहां आ चुकी है। इसलिए गांव की इस समस्या से पहले से ही रूबरू है।