International Picnic Day 2021: एक साथ घूमना हो कश्मीर, हिमाचल-उत्तराखंड तो आइए 'चित्रकूट'
International Picnic Day 2021 भगवान राम के वनवास की आश्रय स्थली चित्रकूट प्रकृति और ईश्वर की अनुपम कृति के रूप में सैलानियों के लिए तैयार है। कल-कल बहते झरने घने जंगल पक्षियों का कलरव बहती नदियां और हरे-भरे पर्वत को हर कोई आनंदित है।
चित्रकूट, [हेमराज कश्यप]। International Picnic Day 2021 अगर आप कश्मीर, हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड जैसे प्रकृति के अद्भुत नजारों को निहारते हुए घूमने की चाह रखते हैं तो स्वाभाविक है कि आपको एक बार में कोई एक स्थान ही चुनना पड़ेगा। अगर तीनों का आनंद एक साथ और एक जगह मिल जाए तो...। जी हां, बिल्कुल। ऐसा संभव है। इसके लिए आपको आना होगा चित्रकूट, जो इन दिनों तैयार है पर्यटकों के लिए। बारिश ने विंध्य पर्वत शृंखला से आच्छादित चित्रकूट का मानसून के पहले ही शृंगार कर दिया है। हरे-भरे पहाड़ के बीच पाठा के नियाग्रा (शबरी जल प्रपात) समेत राघव प्रपात व अन्य झरने गुलजार हो गए हैं। चित्रकूट के चौरासी कोस में फैला प्राकृतिक सौंदर्य लोगों को लुभा रहा है।
यहां का दृश्य भी है मनामेहक: चित्रकूट में देवांगना घाटी हो या धारकुंडी आश्रम की घाटियां, कश्मीर की घाटियों से कम नहीं हैं। बेधक के जंगल असम की याद दिलाते हैं तो शबरी जल प्रपात में गिरते दो झरने सम्मोहित कर देते हैं। ग्रीष्म ऋतु में कामदगिरि के वीरान हुए पेड़ फिर हरियाली से सजधज कर लुभा रहे हैं। भगवान राम के वनवास की आश्रय स्थली चित्रकूट, प्रकृति और ईश्वर की अनुपम कृति के रूप में सैलानियों के लिए तैयार है। कल-कल बहते झरने, घने जंगल, पक्षियों का कलरव, बहती नदियां और हरे-भरे पर्वत को हर कोई आनंदित है।
इनका ये है कहना: पर्यटन अधिकारी शक्ति सिंह कहते हैं कि चित्रकूट तो वैसे आध्यात्मिक नगरी है, लेकिन पर्यटन के दृष्टि से अभूतपूर्व है। इस समय सैलानियों को वो सभी नजारे मिलेंगे जो कश्मीर, उत्तराखंड और हिमाचल प्रदेश में हैं। शुक्रवार को अंतरराष्ट्रीय पिकनिक दिवस पर यहां लोग खूब लुत्फ उठा सकते हैं।
महत्वपूर्ण स्थलों का छह दिवसीय टूर:
सैर का सही समय: चित्रकूट की सैर वैसे तो किसी भी माह में की जा सकती है, लेकिन आठ माह आस्था व प्रकृति की संगम स्थली के लिए अनुकूल हैं। जून के अंतिम सप्ताह से फरवरी तक यहां का मौसम पर्यटन के लिए बेहतर है।
ऐसे पहुंचे: वायु मार्ग : चित्रकूट में हवाई अड्डा बन रहा। नजदीकी एयरपोर्ट खजुराहो 185 किमी, प्रयागराज 120 किमी व सतना 70 किमी है। रेल मार्ग : चित्रकूटधाम कर्वी स्टेशन से प्रयागराज, जबलपुर, दिल्ली, झांसी, हावड़ा, मुंबई, अहमदाबाद, आगरा, मथुरा, लखनऊ, कानपुर, ग्वालियर, झांसी, रायपुर, कटनी, मुगलसराय, वाराणसी आदि शहरों को सीधी ट्रेनें हैं। सड़क मार्ग : चित्रकूट के लिए इलाहाबाद, बांदा, झांसी, महोबा, कानपुर, छतरपुर, सतना, फैजाबाद, लखनऊ, मैहर, गुजरात, दिल्ली से बसें मिलती हैं।