उद्यमियों की राय-निजी वैक्सीनेशन व्यवस्था से सरकार को मिलेगा राजस्व, सरकारी सेंटरों पर भीड़ होगी कम
कानपुर में प्रबुद्ध लोगों की राय है की सरकारी सेंटरों पर भीड़ कम करने और अर्थव्यवस्था के लिए निजी वैक्सीनेशन कारगर साबित हो सकता है। सही प्लानिंग से सेंटरों पर वैक्सीनेशन कराए जाने से वरिष्ठजनों को काफी सुविधा मिल सकेगी।
कानपुर, जेएनएन। सरकार द्वारा शुरुआती दिनों में प्राइवेट सेंटरों पर वैक्सीनेशन की प्रक्रिया शुरू की गई थी। कई लोगों ने इसका लाभ उठाया था। कुछ दिनों बाद इस व्यवस्था को बंद कर दिया गया। इस कारण पहली डोज ले चुके वरिष्ठजन दूसरी डोज के लिए भटक रहे हैं। उद्यमियों की मानें तो प्राइवेट वैक्सीनेशन की प्रक्रिया से सरकारी सेंटरों पर व्यवस्था भी सुधरेगी और यह राजस्व प्राप्ति में भी कारगर साबित होगी।
18 से अधिक और 45 वर्ष से कम लोगों का वैक्सीनेशन शुरू होने के बाद से शहर में वैक्सीनेशन की स्थिति आए दिन बिगड़ती जा रही है। ऐसे में वरिष्ठजनों को होने वाले वैक्सीनेशन में भी बाधा खड़ी हो रही है। सरकार ने इससे बचने के लिए चल रहे दूसरे विकल्प प्राइवेट वैक्सीनेशन को भी बंद कर दिया है। इससे सेंटरों पर वरिष्ठजनों को दूसरी डोज के लिए भटकना पड़ रहा है। हालांकि प्राइवेट वैक्सीनेशन को उद्यमी काफी हद तक सही मान रहे थे। उनके मुताबिक इससे आम लोगों की व्यवस्था और अर्थ व्यवस्था दोनों में सुधार होता, इसको फिर से शुरू किया जाना चाहिए।
जानिए-क्या है राय-शुमार
निजी अस्पतालों वैक्सीनेशन होने से सरकारी सेंटरों पर भीड़ भी कम रहती और अधिक लोगों का वैक्सीनेशन होता। इससे सरकार को राजस्व की प्राप्ति भी होगी। इस प्रक्रिया को पुन: सुचारु किया जाना चाहिए। -प्रमोद सुराना, उद्यमी
वैक्सीनेशन के कई चरण होने चाहिए। आयुवर्ग के हिसाब से हर चरण को प्रभावशाली बनाने की जरूरत है। प्राइवेट सेंटरों पर वैक्सीनेशन होने से सरकार को भी मदद मिलती और जो धनराशि देकर वैक्सीन लगवाना चाहते हैं उन्हें भी लाभ होता। -रोहित टंडन, उद्यमी
प्रशासन को वैक्सीनेशन की प्लाङ्क्षनग करने की जरूरत है। सरकारी सेंटरों के साथ कुछ प्राइवेट सेंटरों पर भी वैक्सीनेशन कराया जाना चाहिए। इससे अधिक लोगों तक वैक्सीन की पहुंच होगी। -बलराम नरुला, उद्यमी