Indian Railway: ट्रेन में महिलाएं डरे नहीं, अब उनके साथ सफर करेगी 'मेरी सहेली'

रेलवे ने महिलाओं की सुरक्षा के लिए मेरी सहेली अभियान देश भर में शुरू किया है इसमें आरपीएफ की पांच महिला सिपाहयों की टीम हर समय मुस्तैद रहेगी। अभियान के बारे में महिलाओं को जागरूक किया जा रहा है।

By Abhishek AgnihotriEdited By: Publish:Fri, 23 Oct 2020 05:22 PM (IST) Updated:Fri, 23 Oct 2020 05:55 PM (IST)
Indian Railway: ट्रेन में महिलाएं डरे नहीं, अब उनके साथ सफर करेगी 'मेरी सहेली'
कानपुर सेंट्रल रेलवे स्टेशन परिसर में भी तैनात है मेरी सहेली।

कानपुर, जेएनएन। ट्रेनों में सफर कर रहीं महिलाओं की सुरक्षा को लेकर रेलवे खासा चिंतित है, खासतौर पर अकेली महिलाओं को लेकर। अब ट्रेन में कोई महिला अकेले सफर कर रहीं हैं तो अब बिल्कुल भी डरने की जरूरत नहीं है क्योंकि उनकी सुरक्षा मेरी सहेली करेगी। इसके लिए आरपीएफ की पांच महिला सिपाहियों की तीन टीमें सेंट्रल स्टेशन पर हर वक्त मुस्तैद है।

रेलवे ने शुरू किया अभियान

महिला यात्रियों की सुरक्षा के लिए रेलवे ने दो दिन पहले देश भर में 'मेरी सहेली' अभियान शुरू किया गया है। इस अभियान के क्रम में सेंट्रल स्टेशन पर पांच-पांच महिला सिपाहियों की तीन टीमें बनायी गई हैं। यह टीमें 24 घंटे सुरक्षा और जागरुकता के इस अभियान में लगी हैं। टीम की प्रमुख एसआइ अंजना बताती हैं कि महिलाओं को यात्रा के दौरान आने वाली परेशानियाें और संभावित खतरों के प्रति आगाह करते हुए सुरक्षात्मक उपायों की जानकारी पंपलेट्स के माध्यम से दी जा रही है। महिलाएं इस अभियान से खासा प्रभावित हैं। अभी तक यात्री महिलाओं की अच्छी प्रतिक्रिया मिल रही है।

चेन बनाकर होता है काम

सेंट्रल स्टेशन से वैसे तो प्रतिदिन 140 से ज्यादा गाड़ियां गुजरती हैं। चूंकि इन ट्रेनों का ठहराव पांच से दस मिनट का हाेता है ऐसे में इनमें अधिक समय नहीं दिया जा सकता है। ऐसे में सेंट्रल स्टेशन से शुरू होने वाली ट्रेनाें को प्राथमिकता दी जा रही है। आरपीएफ इंस्पेक्टर प्रद्युम्न कुमार ओझा बताते हैं कि शताब्दी, श्रमशक्ति, गोमती, चौरीचौरा, झांसी इंटरसिटी समेत करीब एक दर्जन गाड़ियों में महिला यात्रियों से टीमे बात करती है। उन्हें जागरुक करने के साथ उनका मोबाइल नंबर और अन्य डिटेल दर्ज की जा रही है।

ट्रेन के अंतिम गंतव्य पर पहुंचने तक जिस भी स्टेशन पर ट्रेन रूकेगी वहां आारपीएफ महिला सिपाहियों की टीम महिला यात्रियों से संपर्क कर उनका कुशलक्षेम पूछेगी। यह प्रक्रिया कड़ी की तरह शुरू की गई है ताकि महिलाओं को पूरी यात्रा के दौरान सुरक्षा का एहसास हो। एक ट्रेन को अटेंड करने के बाद इसका पूरा मैसेज बनाकर कंट्रोल रूम को भेजा जाता है।

182 पर कर सकती कॉल

सफर के दौरान किसी भी तरह की समस्या होने पर महिलाएं कंट्रोल रूम नंबर 182 पर कॉल कर सकती हैं। कंट्रोल रूम से अगले स्टेशन पर सूचना भेजी जाएगी और उन्हें तत्काल मदद मिलेगी।

वरिष्ठ मंडल सुरक्षा आयुक्त हुए शामिल

सेंट्रल स्टेशन पर चलाए जा रहे मेरी सहेली के इस अभियान में वरिष्ठ मंडल सुरक्षा आयुक्त आरपीएफ उत्तर मध्य रेलवे मनोज कुमार सिंह भी शामिल हुए। उन्होंने बताया कि महिला यात्रियों की सुरक्षा को लेकर हम चिंतित हैं। इसी क्रम में यह अभियान शुरू किया गया है। इसके बेहतर परिणाम मिल रहे हैं।

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