Indian Railway: अब बिना ड्यूटी वेतन नहीं ले पाएंगे टीटीई, रजिस्टर में नहीं अब करने होंगे ई-हस्ताक्षर
प्रयागराज में बिन ड्यूटी वेतन लेने के मामले के बाद जागे रेलवे ने नई व्यवस्था शुरू की है। अब रजिस्टर की जगह ई-हस्ताक्षर करने की व्यवस्था के साथ सेंट्रल सर्वर से ब्रीथ एनालाइजर मशीन का डाटा भी जोड़ने की तैयारी है।
कानपुर, [आलोक शर्मा]। ट्रेनों में ड्यूटी करने वाले ट्रेन टिकट पर्यवेक्षकों (टीटीई) को अब रजिस्टर पर नहीं बल्कि ई-हस्ताक्षर करना होगा। इसके चलते फर्जी तरह से हस्ताक्षर बनाकर वेतन लेने के मामले में रोक लगेगी। प्रयागराज में ऐसा ही मामला सामने आने के बाद सीआइटी पर कार्रवाई हुई और रेलवे ने अपने सभी प्रमुख स्टेशनों पर ई हस्ताक्षर की सुविधा शुरू कर दी है। इसके साथ ही टीटीई को ब्रीथ एनालाइजर टेस्ट से भी गुजरना होगा। ब्रीथ एनालाइजर का डाटा सेंट्रल सर्वर से जुड़ेगा। लाबी को सीसीटीवी कैमरों से भी लैस किया गया है। रेलवे ने प्रत्येक हेडक्वार्टर और उनके कर्मचारियों को एक यूनीक कोड दिया है। हेडक्वार्टर का यूनीक कोड तीन अंकों का तो कर्मचारियों का यूनीक कोड चार अंकों का है। इसी कोड के आधार पर ही ब्रीथ एनालाइजर मशीन नशा कर ड्यूटी पर जाने वाले कर्मचारियों को पकड़ेगी।
प्रतिदिन 300 टीटीई की लगती है ड्यूटी
कानपुर सेंट्रल से प्रतिदिन 300 टीटीई की ड्यूटी विभिन्न ट्रेनों में लगाई जाती है। सेंट्रल पर झांसी, बांदा, गोरखपुर, लखनऊ, प्रयागराज, बनारस, आगरा और यदा कदा बरेली का स्टाफ आता है। इसमें 90 टीटीई का स्टाफ कानपुर का तो 60 बाहर से होता है। लाबी इंचार्ज आरके मिश्रा और सहायक इंचार्ज सत्यजीत यादव बताते हैं कि आने और जाने की ड्यूटी अलग-अलग है इसलिए एक कर्मचारी की उपस्थिति दो बार दर्ज की जाती है। इस हिसाब से हर दिन करीब 300 कर्मचारियों की उपस्थिति आनलाइन दर्ज की जाती है।
-टीटी लाबी में कंप्यूटर आधारित उपस्थिति के साथ ब्रीथ एनालाइजर व सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं। इसे और अपडेट करेंगे। -संतोष कुमार त्रिपाठी, सहायक वाणिज्य प्रबंधक