दि रायल प्रेसिडेंशियल ट्रेन के चालक दल को गर्व, रिटायर होने से पहले मिला सेवाकाल का फल

दिल्ली से कानपुर लेकर आने वाले दि रायल प्रेसिडेंशियल ट्रेन के चालक दल को बेहद खुशी हुई है। रेलवे अफसरों द्वारा प्रेसिडेंशियल ट्रेन से राष्ट्रपति की यात्रा के लिए सबसे अनुभवी चालक और गार्ड को नामित किया गया।

By Abhishek AgnihotriEdited By: Publish:Tue, 29 Jun 2021 02:15 PM (IST) Updated:Tue, 29 Jun 2021 02:15 PM (IST)
दि रायल प्रेसिडेंशियल ट्रेन के चालक दल को गर्व, रिटायर होने से पहले मिला सेवाकाल का फल
रेलवे ने सबसे अनुभवी चालक दल को सौंपी प्रेसिडेंशियल ट्रेन की कमान।

कानपुर, जेएनएन। देश के राष्ट्रपति की ट्रेन को लेकर चलना अपने आप में गर्व की बात है। उनकी ट्रेन को दिल्ली से कानपुर तक लाने वाला दल भी इस गर्व की अनुभूति कर रहा है। रेलवे अफसरों द्वारा सबसे अनुभवी चालक दल को प्रेसिडेंशियल ट्रेन की जिम्मेदारी सौंपी तो लोको पायलट अजय कुमार दीक्षित ने भी खुशी जताई और कहा-रेलवे ने रिटायर होने से पहले सेवा का फल दे दिया।

राष्ट्रपति की ट्रेन को चलाने के लिए दिल्ली डिवीजन के लोको पायलट अजय कुमार दीक्षित, संजय सिंह, ईश्वर सिंह और इलाहाबाद डिवीजन के लोको इंस्पेक्टर अवधेश कुमार का चयन किया गया था। शुक्रवार को सेंट्रल स्टेशन पर द प्रेसीडेंसियल ट्रेन को लेकर पहुंचे इस दल की खुशी भी देखने लायक थी। अजय बताते हैं कि उनके रिटायरमेंट का समय नजदीक है। ऐसे में राष्ट्रपति की ट्रेन का संचालन करने के लिए उन्हें चुना गया तो लगा जैसे रेलवे की सेवा का फल मिल गया। दि प्रेसीडेंसियल ट्रेन को चलाना भी अपने आप में बड़ी बात है। लोको पायलट संजय ङ्क्षसह कहते हैं कि मेरे चयन की सूचना जब मुझे मिली तो खुशी का ठिकाना नहीं था। परिवार को तो जानकारी थी, दोस्तों और रिश्तेदारों को अब जानकारी मिली तो बधाई देने का क्रम खत्म नहीं हो रहा है।

लोको इंस्पेक्टर ईश्वर सिंह से जब बात की गई तो वह बोले शब्द नहीं हैं। क्या कहूं? राष्ट्रपति की ट्रेन का संचालन करने के साथ ही इतिहास में भी यह पल दर्ज हो जाएगा। हमे और क्या चाहिए। लोको इंस्पेक्टर अवधेश कुमार भी खुश थे। बोले, रेलवे ने बहुत महत्वपूर्ण जिम्मेदारी सौंपी थी। खुशी है कि उसे पूरी जिम्मेदारी के साथ पूरा कर सका। दिल्ली डिवीजन से ही गार्ड अक्षय दीप चौहान और संजय जैन का भी चयन ट्रेन संचालन के लिए किया गया। ट्रेन सेंट्रल पर पहुंची तो दीपक को मीडिया के कैमरों ने घेर लिया। दीपक और संजय बोले बस कुछ पूछिए मत। ट्रेन संचालन का काम हर रोज करते थे। राष्ट्रपति की प्रेसीडेंसियल ट्रेन लाकर जितनी खुशी मिल रही है उतनी पहली बार ट्रेन संचालन में भी नहीं हुई थी।

महाराजा एक्सप्रेस ने रचा इतिहास

द रॉयल प्रेसीडेंसियल ट्रेन महाराज एक्सप्रेस से राष्ट्रपति राम नाथ कोविन्द ने सफर किया तो यह ट्रेन भी इतिहास के पन्नों में दर्ज हो गई। इससे पहले देश के राष्ट्रपति प्रेसीडेंसियल ट्रेन से सफर करते रहे हैं। वर्ष 2018 में राष्ट्रपति की प्रेसीडेंसियल ट्रेन को डीकमीशन कर दिया गया। दरअसल इसके रखरखाव में भारी भरकम खर्च हो रहा था। राष्ट्रपति राम नाथ कोविन्द की अनुमति के बाद रेलवे ने यह निर्णय लिया। बता दे द रॉयल प्रेसीडेंसियल ट्रेन को आइआरसीटीसी संचालित करती है।

रेलवे के आग्रह पर स्वीकार की यात्रा

राष्ट्रपति ने रेलवे के आग्रह पर दिल्ली से कानपुर और लखनऊ तक की यात्रा ट्रेन से करना स्वीकार किया। उत्तर मध्य रेलवे के जीएम वीके त्रिपाठी ने पत्रकारों से हुई वार्ता में यह जानकारी दी थी। दरअसल, राष्ट्रपति को पब्लिक ट्रांसपोर्ट के सबसे बड़े नेटवर्क रेलवे की आधुनिकता और बदली व्यवस्थाओं का सुखद एहसास कराने के लिए रेलवे ने यह प्रस्ताव दिया था जिसे राष्ट्रपति ने स्वीकार कर लिया।

chat bot
आपका साथी