Indian Railways: कानपुर-झांसी ट्रैक पर हादसा, इलेक्ट्रिक इंजन की चपेट में आए 15 गोवंश की मौत
कानपुर देहात क्षेत्र में कानपुर-झांसी और दिल्ली-हावड़ा रेल लाइन पर अक्सर मवेशियों के ट्रेन से टकराने पर हादसे होते रहते हैं । गजनेर के पास रात में गुजरे इलेक्ट्रिक इंजन से टकराकर 15 बेसहारा मवेशी मर गए ।
कानपुर देहात, जेएनएन। कानपुर-झांसी रेलवे लाइन पर गजनेर क्षेत्र में हादसा हो गया। शनिवार की रात ट्रैक पर विचरण कर रहे 15 गोवंश इलेक्ट्रिक इंजन की चपेट में आ गए और सभी की मौत हो गई। हादसे के बाद रेलवे ट्रैक पर गोवंशों के अवशेष और खून बिखर गया। इस दौरान कुछ देर इंजन रुका रहा है और फिर रेलवे कर्मियों ने उसकी जांच करने के बाद रवाना कराया।
रेलवे ट्रैक मवेशियों के चलते हादसों का सिलसिला थम नहीं रहा है। अक्सर किसान मवेशियों को चरने के लिए रेलवे ट्रैक के किनारे छोड़ देते हैं, जो हादसे का सबब बन रहे हैं। कानपुर झांसी रेल रूट पर गजनेर के बहाबलपुर के पास हादसा हो गया। बहबलपुर रेलवे क्रासिंग के पास शनिवार रात 10 बजे करीब कुछ बेसहारा जानवर रेलवे ट्रैक पर विचरण कर रहे थे। इस बीच अचानक ट्रैक पर इलेक्ट्रिक इंजन आ गया, चालक ने तेज हॉर्न बताया तो सभी मवेशी इधर उधर भागने लगे। कुछ मवेशी रेलवे ट्रैक पर ही इंजन की दिशा में आगे की ओर भागने लगे। देखते ही देखते इंजन से एक के बाद एक मवेशी टकराते चले गए। हादसे में करीब 15 बेसहारा मवेशी मारे गए और उनके अवशेष व खून पटरी पर फैल गया।
चालक ने ब्रेक लगाकर इंजन को रोका और स्टेशन पर सूचना दी। जानकारी के बाद रेलवे कर्मी लाइन पर पहुंचे और इंजन की जांच की। उसमें फंसे मवेशियों के अवशेष बाहर निकाले और करीब 15 मिनट बाद इंजन को रवाना कर दिया गया। सुबह होने पर ग्रामीणों ने जब यह नजारा देखा तो सन्न रह गए। सभी ने बताया कि इस क्षेत्र ऐसी घटना पहली बार हुई है। लालपुर स्टेशन मास्टर शिवपाल ने बताया कि कोई नुकसान नहीं हुआ है। जांच के बाद इंजन को रवाना कर दिया गया था। पीछे आ रही कानपुर-झांसी इंटरसिटी कुछ विलंब हुई।
पहले भी हो चुके हादसे
कानपुर देहात क्षेत्र में कानपुर-झांसी और दिल्ली-हावड़ा रेल लाइन गुजरी है। इसके चलते अक्सर मवेशियों के ट्रेन से टकराने पर हादसे होते रहते हैं। कुछ दिन पहले ही झींझक में महाबोधि से सांड की टक्कर के बाद ओएचई लाइन क्षतिग्रस्त हो गई थी। इससे दिल्ली तक रेल यातायात बाधित हो गया था। इससे पहले वंदेभारत से मवेशी टकराने की घटना हो चुकी है। कोई बैरीकेडिंग व तारबंदी न होने से आये दिन यह घटनाएं होती रहती हैं।