President Kanpur Visit: आज परौंख गांव में जमीनी जुड़ाव की झलक संग दिखेगा पुरानी यादों का संगम
President Kanpur Visit राष्ट्रपति राम नाथ कोविन्द के पैतृक गांव पराैंख को सजाया जा रहा है। 25 जून को झींझक रेलवे स्टेशन पर राष्ट्रपति की भाभी विद्यावती भाई भतीजी समेत कई लोग उनसे मिल चुके हैं। राष्ट्रपति की भाभी विद्यावती कहती हैं सबसे पहले उनके स्वास्थ्य का हालचाल लेंगी।
कानपुर, [शिवा अवस्थी]। President Kanpur Visit राष्ट्रपति राम नाथ कोविन्द पद संभालने के बाद कई बार कानपुर आए, लेकिन कानपुर देहात स्थित अपने पैतृक गांव परौंख पहली बार आ रहे हैं। मौका खास है तो इंतजाम भी खास ही हैं, और हों भी क्यों न, जननी जन्मभूमिश्च स्वर्गादपि गरीयसी अर्थात मातृभूमि स्वर्ग से भी बढ़कर बताई गई है। शायद यही वजह है कि 18 साल बाद प्रेसिडेंशियल ट्रेन फिर किसी राष्ट्रपति को लेकर अपने सफर पर निकल रही है। राष्ट्रपति की भाभी उनकी सेहत को लेकर फिक्रमंद हैं तो मित्र पुरानी स्मृतियां जीवंत करने को बेताब हैं। पैतृक जिले के गांव-कस्बों से जमीनी जुड़ाव, स्मृतियों में खोये लोग और ताजा होती पुरानी यादें दिखने लगी हैं। आज तो राम-शबरी, कृष्ण-सुदामा जैसे मिलन प्रसंग आम होते नजर आने ही हैं।
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पैतृक गांव के लोग उत्साहित: परौंख को सजाया जा रहा है, काफी कुछ सजाया जा चुका है। भाभी विद्यावती उनके सफल कार्यक्रम के लिए घर पर पूजा-पाठ के साथ ही सुंदर कांड का पाठ करा चुकी हैं। वहीं, राष्ट्रपति से मिलने की ललक संजोए लोगों में हर कोई अप्रतिम भेंट देने को उत्सुक है। हालांकि, राष्ट्रपति के साथ के अफसर ही यह भेंट, उपहार या पत्र लेंगे।
सेहत को लेकर फिक्रमंद ग्रामीण: झींझक में व्यापारी नेता श्याम मोहन दुबे, नगर पालिका के सभासद कृष्ण कुमार ग्रामीणों के सेहत को लेकर फिक्रमंद हैं। वह 100 बेड का अस्पताल मांगेंगे। झलकारी बाई इंटर कालेज के प्रधानाचार्य विमल अग्निहोत्री, हरकिशोर वर्मा, डा. सुरेश द्विवेदी व अनमोल गुप्ता से लेकर अन्य इन पलों को जीवंत करने के प्रयासों को अंतिम रूप दे रहे हैं।
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रूरा से है राष्ट्रपति का खास लगाव: रूरा से राष्ट्रपति का खास लगाव रहा है। यहां राज्यसभा सदस्य रहते हुए उन्होंने तमाम विकास कार्य कराए हैं, जिससे लोग उनके मुरीद हैं। इसी तरह कानपुर और आसपास के जिलों के लिए भी राष्ट्रपति बहुत कुछ कर चुके हैं, जिससे लोगों का सीधा जुड़ाव है। हर क्षेत्र के लोग उनसे मिलने वाले हैं। इनमें कानपुर देहात के तमाम ऐसे लोग हैं, जो जमीनी स्तर पर मजबूत पकड़ रखते हैं।
क्या कहते हैं करीबी: छात्र जीवन के साथी सतीश मिश्र कहते हैं, वो किसी भी पद पर रहे हों पर भूले नहीं। हमेशा हालचाल लेते हैं। अबकी बार भी उन्होंने घर आने की जानकारी दी है। उनके साथ के पल हमेशा के लिए सहेजेंगे। व्यापारी राजेश गुप्ता बताते हैं कि पुखरायां राष्ट्रपति की कर्मस्थली है, इसलिए वहां समय ज्यादा दे रहे हैं, लेकिन अपनों को नहीं भूले हैं। वह मदरसा शिक्षक और कई छात्रों से भी मिलेंगे।